
भारतीय वायुसेना की वीरांगना विंग कमांडर व्योमिका सिंह (Vyomika Singh) नारी शक्ति की जीती-जागती मिसाल हैं। लखनऊ की इस बेटी ने अपने हौसले और मेहनत से देश की सुरक्षा में एक नया अध्याय जोड़ा है। हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान उनकी भूमिका और दिल्ली में दी गई प्रेस ब्रीफिंग ने उन्हें राष्ट्रीय पटल पर ला खड़ा किया। आइए जानते हैं उनके जीवन की प्रेरणादायक कहानी, जो हर युवा के लिए एक मिशाल है।
7 मई 2025 को हुए ऑपरेशन सिंदूर (Sindoor Opretion) में भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में एक सटीक और साहसिक हवाई कार्रवाई की। इस मिशन के दौरान भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नारी शक्ति की प्रतीक व्योमिका ने दिल्ली में आयोजित उच्च-स्तरीय मीडिया ब्रीफिंग में पूरे आत्मविश्वास के साथ ऑपरेशन की जानकारी साझा की। एक अनुभवी हेलीकॉप्टर पायलट होने के साथ-साथ, उन्होंने कई उच्च ऊंचाई वाले मिशनों में अपनी वीरता और नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया है।
व्योमिका सिंह का जीवनी परिचय |Vyomika Singh Biography in Hindi
पूरा नाम | व्योमिका सिंह |
जन्म स्थान | लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत |
प्रेरणा का स्रोत | बचपन में नाम के अर्थ (“आकाश की स्वामिनी”) से प्रेरणा मिली |
शैक्षणिक पृष्ठभूमि | इंजीनियरिंग की पढ़ाई + NCC कैडेट |
भारतीय वायुसेना में प्रवेश | 18 दिसंबर 2004 (21वां शॉर्ट सर्विस कमीशन) |
वर्तमान पद | विंग कमांडर |
स्थायी कमीशन प्राप्त | वर्ष 2019 में |
सेवा शाखा | भारतीय वायुसेना (हेलीकॉप्टर पायलट) |
उड़ान अनुभव | 2,500+ घंटे, चेतक और चीता हेलीकॉप्टर |
प्रमुख अभियानों में भागीदारी | ऑपरेशन सिंदूर, ऊंचाई वाले बचाव अभियान, ऑल वूमन माउंटेन एक्सपीडिशन (2021) |
प्रमुख प्रेस ब्रीफिंग | मई 2025, ऑपरेशन सिंदूर की मीडिया जानकारी |
परिवार | पति भी वायुसेना पायलट |
सम्मान/पुरस्कार | एयर चीफ और AOC-in-C द्वारा प्रशंसा पत्र |
व्योमिका सिंह का जन्म और प्रारंभिक जीवन | Vyomika Singh Birth & early life
व्योमिका सिंह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की रहने वाली हैं। उनका नाम ही उनके जीवन का मार्गदर्शन बना — “व्योमिका”, जिसका अर्थ होता है “आकाश में रहने वाली”। छठी कक्षा में जब उनके नाम के अर्थ पर चर्चा हुई तो एक सहपाठी ने कहा, “तुम आकाश की स्वामिनी हो।” उसी दिन से व्योमिका ने तय कर लिया कि उन्हें पायलट बनना है।
लेकिन 1990 के दशक में लड़कियों के लिए सैन्य पायलट बनना आसान नहीं था। उस समय तक केवल पुरुषों को ही यह अवसर मिलता था। एक बार उन्होंने एम्प्लॉयमेंट न्यूज़ में एक विज्ञापन देखा जिसमें सिर्फ अविवाहित पुरुषों को ही पात्र बताया गया। यह बात उन्हें अंदर तक झकझोर गई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
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व्योमिका सिंह का शिक्षा और सैन्य में प्रवेश | Vyomika Singh education and entry into the military
व्योमिका ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और साथ ही नेशनल कैडेट कोर (NCC) से भी जुड़ी रहीं। यह अनुभव उन्हें सशस्त्र बलों की दिशा में आगे बढ़ने में मददगार साबित हुआ। उन्हें 18 दिसंबर, 2004 को 21वें शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत भारतीय वायुसेना में कमीशन प्राप्त हुआ। साल 2017 तक उन्होंने विंग कमांडर का पद हासिल कर लिया और 2019 में उन्हें स्थायी कमीशन मिला।
व्योमिका सिंह का हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में करियर | Vyomika Singh career as a helicopter pilot
व्योमिका सिंह भारतीय वायुसेना में एक कुशल हेलीकॉप्टर पायलट हैं। उन्होंने चेतक और चीता हेलीकॉप्टरों को उड़ाने में महारत हासिल की है और अब तक 2,500 से अधिक उड़ान घंटे पूरे कर चुकी हैं। उनका अनुभव समुद्र तल से लेकर 18,000 फीट की ऊंचाई तक फैला हुआ है, जिसमें उन्होंने अनेक बचाव और राहत अभियानों का नेतृत्व किया है।
2020 में अरुणाचल प्रदेश में उन्होंने बेहद कठिन मौसम में एक रेस्क्यू मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इसके अलावा, 2021 में उन्होंने माउंट मणिरंग (21,650 फीट) पर ऑल वूमन माउंटेन एक्सपीडिशन में भाग लिया, जिसे रक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि माना गया।
व्योमिका सिंह का ऑपरेशन सिंदूर में भूमिका | Vyomika Singh role in Operation Sindoor
7 मई 2025 को भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में “ऑपरेशन सिंदूर” को अंजाम दिया। यह एक सटीक और रणनीतिक हवाई हमला था, जिसमें पाकिस्तान और POK में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस ऑपरेशन में विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने एक अहम भूमिका निभाई।
दिल्ली में आयोजित हाई-प्रोफाइल मीडिया ब्रीफिंग में उन्होंने विदेश सचिव विक्रम मिसरी और कर्नल सोफिया कुरैशी के साथ मंच साझा किया। यह पहली बार था जब किसी महिला अधिकारी ने ऐसे ऑपरेशनल और सार्वजनिक मंच पर भारत की सैन्य कार्रवाई का नेतृत्व किया।
प्रेरणा और विरासत (Inspiration and legacy)
व्योमिका सिंह का जीवन साहस, समर्पण और आत्मविश्वास की मिसाल है। एक ऐसे दौर में जब महिलाओं के लिए सीमित अवसर थे, उन्होंने अपने सपनों को सच कर दिखाया। उन्होंने बताया, “मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। यह सफर उतार-चढ़ाव भरा था, लेकिन हर चुनौती ने मुझे और मजबूत बनाया।”
उनका सफर भारत की लाखों युवतियों को यह विश्वास दिलाता है कि कोई भी सपना असंभव नहीं होता, अगर उसमें मेहनत और लगन जुड़ी हो।
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व्योमिका सिंह का पारिवारिक जीवन | Vyomika Singh family life
व्योमिका सिंह का विवाह भी भारतीय वायुसेना के एक पायलट से हुआ है। उनके परिवार ने हर कदम पर उनका साथ दिया, और यही समर्थन उनके करियर को और भी ऊंचाइयों तक ले गया। वह कहती हैं कि परिवार का सहयोग उनके हर निर्णय में अहम रहा है।
व्योमिका सिंह का पुरस्कार और सम्मान | Vyomika Singh award & achievement
विंग कमांडर सिंह को उनके अद्वितीय योगदान के लिए वायुसेना प्रमुख और एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ द्वारा प्रशंसा पत्र मिले हैं। विशेषकर उच्च ऊंचाई वाले बचाव अभियानों और सैन्य अभियानों में उनकी भूमिका को सैन्य जगत में विशेष सम्मान प्राप्त है।
व्योमिका सिंह नारी शक्ति की प्रतीक है | Vyomika Singh symbol of female power
आज व्योमिका सिंह सिर्फ एक सैन्य अधिकारी नहीं, बल्कि नारी शक्ति और नेतृत्व की प्रतीक बन चुकी हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया कि महिलाएं सिर्फ परिवार या समाज की देखभाल तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे देश की सीमाओं की सुरक्षा में भी अग्रणी भूमिका निभा सकती हैं।
निष्कर्ष
विंग कमांडर व्योमिका सिंह की कहानी सिर्फ एक पायलट की नहीं, बल्कि एक ऐसे सपने की है, जिसे सामाजिक बाधाओं और समय की चुनौतियों को पार करके साकार किया गया। वह हर उस लड़की के लिए प्रेरणा हैं, जो आसमान को छूने का सपना देखती है। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि अगर इरादे मजबूत हों और दिशा स्पष्ट हो, तो कोई भी लक्ष्य दूर नहीं।