
यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए दृष्टि IAS एक जाना-पहचाना नाम है। और जब इस संस्थान की बात होती है, तो डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का नाम सबसे पहले जुबान पर आता है। लेकिन हाल ही में सोशल मीडिया और यूट्यूब पर एक सवाल बार-बार सामने आ रहा है – “क्या डॉ. विकास दिव्यकीर्ति दृष्टि IAS को बेच रहे हैं?” क्या ये सच है या बस अफवाह? इस लेख में हम इस चर्चा के पीछे की हकीकत जानेंगे और समझेंगे कि दृष्टि IAS और डॉ. दिव्यकीर्ति के भविष्य की दिशा क्या है।
कौन हैं डॉ. विकास दिव्यकीर्ति?
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति एक प्रसिद्ध शिक्षाविद और मोटिवेशनल स्पीकर हैं, जिन्होंने UPSC की परीक्षा पास कर ली थी लेकिन जल्द ही भारतीय प्रशासनिक सेवा छोड़कर शिक्षा जगत में कदम रखा। उन्होंने दृष्टि IAS को 1999 में स्थापित किया, जिसका उद्देश्य UPSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण मार्गदर्शन देना था। उनका पढ़ाने का तरीका, गहरी समझ और सरल भाषा में जटिल विषयों को समझाने की कला ने उन्हें देशभर के लाखों छात्रों का पसंदीदा शिक्षक बना दिया।
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क्या वाकई दृष्टि IAS बिक रही है?
यह सवाल हाल ही में इंटरनेट पर चर्चा का विषय बना है। कई यूट्यूब चैनल्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स में यह दावा किया गया कि डॉ. विकास दिव्यकीर्ति दृष्टि IAS को किसी बड़ी कंपनी को बेचने जा रहे हैं। हालांकि, अब तक डॉ. दिव्यकीर्ति या दृष्टि IAS की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि संस्था को विस्तार देने और नई टेक्नोलॉजी के साथ जुड़ने के लिए बाहरी निवेशकों की तलाश की जा रही है, जिससे छात्रों को और बेहतर सेवाएं मिल सकें। लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि संस्था को पूरी तरह से बेच दिया जाएगा। यह रणनीतिक विस्तार का हिस्सा हो सकता है।
बिक्री की चर्चा क्यों हो रही है?
संस्था का तेज़ी से विस्तार
हाल ही में दृष्टि IAS ने देश के विभिन्न शहरों में अपने केंद्र खोले हैं, और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि संस्था निवेश जुटा रही है।
शिक्षकों में बदलाव
कुछ प्रमुख शिक्षकों के संस्था छोड़ने की खबरें भी इस चर्चा को हवा देती हैं। हालांकि, किसी भी बड़े संस्थान में ऐसे बदलाव आम होते हैं।
एडुटेक इंडस्ट्री में उथल-पुथल
बायजूज़ और अनअकैडमी जैसी बड़ी कंपनियों द्वारा अन्य संस्थानों का अधिग्रहण करने के कारण छात्रों को लगता है कि दृष्टि IAS के साथ भी कुछ ऐसा हो सकता है।
छात्रों की चिंता जायज है या नहीं?
छात्रों का दृष्टि IAS और डॉ. विकास दिव्यकीर्ति पर जबरदस्त भरोसा है। ऐसे में यदि संस्था को बेचे जाने की खबरें सामने आती हैं, तो यह स्वाभाविक है कि छात्रों में चिंता हो। लेकिन बिना किसी आधिकारिक पुष्टि के इन खबरों पर पूरी तरह से विश्वास करना ठीक नहीं होगा।
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डॉ. दिव्यकीर्ति की सोच और दृष्टि
डॉ. दिव्यकीर्ति हमेशा से शिक्षा को मिशन की तरह देखते आए हैं। वे कहते हैं, “हम छात्रों को सिर्फ एक परीक्षा पास करने के लिए नहीं, बल्कि अच्छा इंसान बनने के लिए तैयार कर रहे हैं।” उनकी यह सोच दिखाती है कि वह दृष्टि IAS को सिर्फ एक बिज़नेस नहीं, बल्कि एक सामाजिक उत्तरदायित्व के रूप में देखते हैं।
निष्कर्ष
फिलहाल दृष्टि IAS को बेचने की कोई पक्की जानकारी नहीं है। यह संभव है कि संस्था अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए बाहरी सहयोग ले रही हो, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि इसे पूरी तरह से बेचा जा रहा है। छात्रों को चाहिए कि वे सिर्फ सोशल मीडिया की अफवाहों पर न जाएं, और आधिकारिक जानकारी का इंतजार करें। जब तक खुद डॉ. दिव्यकीर्ति या दृष्टि IAS कोई बयान नहीं देते, तब तक यह सिर्फ एक कयास ही माना जाएगा।