“जिसने सेना की वर्दी पहन देश की रक्षा का सपना देखा, वो अपनी शादी के छह दिन बाद शहीद हो गया…”

कौन थे लेफ्टिनेंट विनय नरवाल?
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भारतीय नौसेना के एक जांबाज अफसर थे, जो हरियाणा के करनाल जिले के रहने वाले थे। वह अपनी बहादुरी, समर्पण और देशभक्ति के लिए जाने जाते हैं। 26 वर्षीय विनय तीन साल पहले भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे और उनकी पोस्टिंग केरल के कोच्चि में थी।
व्यक्तिगत जीवन और हाल ही में हुई शादी
विनय नरवाल की शादी हाल ही में 16 अप्रैल 2025 को मसूरी में डेस्टिनेशन वेडिंग के रूप में हुई थी। उनकी पत्नी हिमांशी, गुरुग्राम की निवासी हैं। शादी के तीन दिन बाद, 19 अप्रैल को करनाल में रिसेप्शन रखा गया और उसी दिन नवविवाहित जोड़ा हनीमून के लिए कश्मीर के पहलगाम रवाना हुआ।
कैसे हुई शहादत: पहलगाम आतंकी हमला
20 अप्रैल 2025 को पहलगाम की बायसरन घाटी में हुए एक भयानक आतंकी हमले में लेफ्टिनेंट विनय नरवाल शहीद हो गए। आतंकियों ने सेना की वर्दी पहनकर पहले पर्यटकों की पहचान पूछी और फिर हिंदू पहचान के आधार पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। इस हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें विनय भी शामिल थे।
घटना के समय क्या हुआ?
एक वायरल वीडियो में देखा गया कि विनय नरवाल घायल अवस्था में ज़मीन पर पड़े थे और उनकी पत्नी हिमांशी पास में रो रही थीं। विनय को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। हिमांशी भी इस हमले में घायल हुईं।
परिवार की पृष्ठभूमि
विनय का परिवार मूल रूप से करनाल के भुसली गांव से ताल्लुक रखता है। वे पिछले कुछ समय से सेक्टर-7 में रह रहे थे। उनके दादा हवा सिंह हरियाणा पुलिस से रिटायर्ड हैं, पिता राजेश नरवाल केंद्र सरकार के कस्टम विभाग में कार्यरत हैं, मां आशा एक गृहिणी हैं और बहन सृष्टि उनसे छोटी हैं।
विनय का सपना देश सेवा करना
बचपन से ही विनय का सपना था कि वह सेना में जाएं। अपनी पढ़ाई के दौरान उन्होंने इसकी तैयारी शुरू कर दी थी और आखिरकार तीन साल पहले भारतीय नौसेना में लेफ्टिनेंट के पद पर भर्ती हुए। उन्होंने अपने जीवन का हर क्षण देश सेवा को समर्पित किया।
पहली बार पत्नी के साथ जन्मदिन मनाने की थी तैयारी
1 मई को विनय का जन्मदिन था और यह शादी के बाद उनका पहला बर्थडे होने वाला था। परिवार इस मौके को खास बनाने की तैयारी कर रहा था, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था।
करनाल के लिए गर्व और ग़म की घड़ी
विनय नरवाल उन 30 से अधिक सैनिकों की सूची में शामिल हो गए हैं, जो करनाल से सेना में भर्ती होकर देश के लिए बलिदान दे चुके हैं। करनाल की जाट, सिख और राजपूत रेजिमेंट से जुड़े कई जवान अब तक शहीद हो चुके हैं, और विनय का नाम अब उन अमर वीरों में शामिल हो गया है।
निष्कर्ष:
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि देशभक्ति, त्याग और बहादुरी की मिसाल हैं। उनकी शहादत ने देशवासियों को झकझोर कर रख दिया है। वे आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।
“विनय नरवाल जैसे वीर जवानों की बदौलत ही हमारा देश सुरक्षित है। हम उनके बलिदान को सलाम करते हैं।”