
22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 27 से अधिक निर्दोष पर्यटक मारे गए, जिससे हर भारतीय का दिल आहत है। इस दुखद घटना का असर अब देश के सबसे बड़े क्रिकेट टूर्नामेंट IPL 2025 पर भी देखने को मिल रहा है।
IPL में दिखेगा शोक और एकजुटता का नज़ारा
23 अप्रैल को सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और मुंबई इंडियंस (MI) के बीच होने वाला IPL का 41वां मुकाबला अब एक भावनात्मक माहौल में खेला जाएगा। बीसीसीआई ने इस मैच के दौरान पहलगाम हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने का निर्णय लिया है।
मैच की शुरुआत से पहले सभी खिलाड़ी और अंपायर काली पट्टी बांधकर मैदान में उतरेंगे और एक मिनट का मौन रखा जाएगा। यह कदम पीड़ितों के प्रति संवेदना और एकजुटता दर्शाने के लिए उठाया गया है।
मैच में नहीं दिखेंगी चीयरलीडर्स
इस मुकाबले में दर्शकों को एक और बदलाव देखने को मिलेगा—मैदान में कोई चीयरलीडर्स नजर नहीं आएंगी। बीसीसीआई ने यह फैसला पूरी संवेदनशीलता के साथ लिया है ताकि देश के साथ दुख साझा किया जा सके। पूरे मैच के दौरान संयम और श्रद्धा का माहौल देखने को मिलेगा।
क्रिकेटर्स ने जताया दुख, सोशल मीडिया पर छलका दर्द
विराट कोहली, हार्दिक पांड्या, केएल राहुल और शुभमन गिल जैसे भारतीय क्रिकेट सितारों ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है और सोशल मीडिया के ज़रिए पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं जाहिर की हैं। खिलाड़ियों ने यह भी कहा कि ऐसे कायराना हमलों से देश की आत्मा को नहीं दबाया जा सकता।
पहले भी उठा चुके हैं ऐसा कदम
यह पहली बार नहीं है जब BCCI ने आतंकवादी हमले के पीड़ितों के साथ एकजुटता दिखाई है। साल 2019 में हुए पुलवामा हमले के बाद, बीसीसीआई ने IPL 12 के उद्घाटन समारोह को रद्द कर दिया था और पीड़ितों के परिवारों की मदद के लिए धन दान किया था। उस दौरान भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे मैच में सेना की याद में कैमोफ्लाज कैप पहनी थी।
पूरा देश कर रहा है जवाब की मांग
फिलहाल पूरे भारत में गुस्से और शोक का माहौल है। नागरिकों की निगाहें अब सरकार पर हैं कि वह इस क्रूर हमले का क्या जवाब देती है। सोशल मीडिया पर #JusticeForTourists ट्रेंड कर रहा है और लोग आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
निष्कर्ष:
IPL जैसे बड़े टूर्नामेंट में भी देश की भावनाएं सर्वोपरि हैं। SRH vs MI मैच में दिखने वाले ये बदलाव एक उदाहरण हैं कि कैसे खेल भी समाज के दर्द और एकजुटता का प्रतीक बन सकता है। यह सिर्फ एक क्रिकेट मैच नहीं, बल्कि उन निर्दोष जानों के प्रति श्रद्धांजलि है जिन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि एक यात्रा उनकी आखिरी बन जाएगी।