
भारत के प्रतिष्ठित भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के 1991 बैच के अधिकारी डॉ. एस. सिद्धार्थ(Dr. S. Siddharth)न केवल प्रशासनिक सेवा में एक अनुभवी और कुशल अफसर हैं, बल्कि वे एक उत्कृष्ट विद्वान, फोटोग्राफर, चित्रकार और समाज सुधारक के रूप में भी पहचाने जाते हैं। वर्तमान में वे बिहार सरकार के वित्त विभाग में प्रधान सचिव के पद पर कार्यरत हैं। उनका जीवन प्रशासनिक कौशल, अकादमिक उत्कृष्टता और रचनात्मकता का बेहतरीन उदाहरण है।
डॉ. एस. सिद्धार्थ प्रारंभिक जीवन और शिक्षा | Dr. S. Siddharth Early Life and Education Qualification
डॉ. एस. सिद्धार्थ का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ, लेकिन उनकी शिक्षा-दीक्षा असाधारण रही। उन्होंने वर्ष 1987 में प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (IIT Delhi) से कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में स्नातक किया। इसके बाद उन्होंने 1989 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, अहमदाबाद (IIM Ahmedabad) से एमबीए की डिग्री प्राप्त की।
इसी के साथ उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली से सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) में डॉक्टरेट की डिग्री भी हासिल की, जो उनकी तकनीकी विशेषज्ञता और अकादमिक समर्पण को दर्शाती है।
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डॉ. एस. सिद्धार्थ का प्रशासनिक करियर की शुरुआत | Dr. S. Siddharth’s beginning of administrative career
1991 बैच के IAS अधिकारी के रूप में अपने करियर की शुरुआत करने वाले डॉ. सिद्धार्थ ने अब तक लगभग 30 वर्षों तक देश और राज्य के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दी हैं। उन्होंने बिहार के मुज़फ्फरपुर, भोजपुर, औरंगाबाद और लोहरदगा जैसे जिलों के जिलाधिकारी के रूप में कार्य किया। इन जिलों में उन्होंने प्रशासनिक सुधार, विकास योजनाएं और जनसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया। इसके बाद उन्होंने केंद्र सरकार में भी सेवा दी, जहाँ वे भारी उद्योग मंत्रालय में निदेशक के पद पर कार्यरत रहे।
डॉ. एस. सिद्धार्थ का बिहार सरकार में प्रमुख पदों पर सेवाएं | Dr. S. Siddhartha served on important posts in Bihar Government
बिहार सरकार में डॉ. सिद्धार्थ ने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। वे मुख्यमंत्री सचिवालय में सचिव, शहरी विकास सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी सचिव, श्रम विभाग सचिव, ग्रामीण कार्य विभाग सचिव, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव और गन्ना विभाग के प्रधान सचिव जैसे कई अहम जिम्मेदारियों को निभा चुके हैं।
डॉ. एस. सिद्धार्थ का शहरी विकास योगदान |Dr. S. Siddharth contribution to urban development
शहरी विकास विभाग में रहते हुए उन्होंने बिहार अर्बन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट 2014, बिहार बिल्डिंग बायलॉज 2014 और अर्बन डेवलपमेंट रूल्स 2014 जैसे ऐतिहासिक विधेयकों और नियमों का ड्राफ्ट तैयार किया। उनके नेतृत्व में पटना मेट्रो परियोजना की डीपीआर (Detailed Project Report) तैयार हुई और पटना मेट्रोपॉलिटन एरिया का मास्टर प्लान भी तैयार किया गया।
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डॉ. एस. सिद्धार्थ का औद्योगिक विकास में सराहनीय कार्य |Dr. S. Siddharth commendable work in industrial development
उद्योग विभाग के प्रधान सचिव और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कमिश्नर (IDC) के रूप में उन्होंने बिहार औद्योगिक नीति 2016, बिहार निवेश अधिनियम 2016, निवेश नियम 2016 और बिहार स्टार्टअप नीति 2017 जैसे दूरदर्शी दस्तावेजों का निर्माण किया। उन्होंने हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, सिल्क उद्योग और स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में भी कई योजनाएं चलाईं। Ease of Doing Business की दिशा में भी डॉ. सिद्धार्थ ने बिहार के विभिन्न विभागों में सुधार कर निवेशकों के लिए बेहतर वातावरण बनाने में मदद की।
डॉ. एस. सिद्धार्थ का वर्तमान जिम्मेदारियाँ | Current responsibilities of Dr. S. Siddharth
वर्तमान में डॉ. एस. सिद्धार्थ बिहार सरकार में वित्त विभाग के प्रधान सचिव के पद पर कार्यरत हैं। इसके साथ ही वे एल. एन. मिश्रा इंस्टिट्यूट ऑफ इकोनॉमिक डेवलपमेंट एंड सोशल चेंज के निदेशक, और सेंटर फॉर इकनॉमिक पॉलिसी एंड पब्लिक फाइनेंस, पटना के चेयरमैन और डायरेक्टर भी हैं।
वे बिहार सरकार की सभी सार्वजनिक उपक्रम (State PSUs) के निदेशक मंडल (Board of Directors) में भी शामिल हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि वे न केवल प्रशासनिक अनुभव रखते हैं, बल्कि वित्तीय नीतियों और आर्थिक सुधारों में भी उनकी गहरी समझ है।
डॉ. एस. सिद्धार्थ का फोटोग्राफि और वेबसाइट | Dr. S. Siddharth photography and website
डॉ. सिद्धार्थ एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी ही नहीं बल्कि एक बेहद प्रतिभाशाली कलाकार भी हैं। वे एक पेशेवर वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर हैं। उनके द्वारा खींची गई तस्वीरों की प्रदर्शनी उनकी वेबसाइट siddharthphotography.com पर देखी जा सकती है। इसके अलावा वे एक चित्रकार और कार्टूनिस्ट भी हैं।
उनकी कलात्मकता को उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स—इंस्टाग्राम और फेसबुक—पर भी देखा जा सकता है, जहां उनकी फोटोग्राफी और पेंटिंग को हजारों लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष
डॉ. एस. सिद्धार्थ की कहानी एक प्रेरणादायक यात्रा है—जहां तकनीकी शिक्षा, प्रशासनिक सेवा और रचनात्मकता का अनूठा संगम देखने को मिलता है। उनका जीवन युवाओं के लिए यह संदेश देता है कि यदि लगन और अनुशासन हो, तो एक व्यक्ति कई क्षेत्रों में महारत हासिल कर सकता है।
बिहार की प्रशासनिक प्रणाली में उनका योगदान और विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उन्हें एक असाधारण अधिकारी बनाती है। वे आज भी निरंतर नवाचार, सुधार और समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। डॉ. एस. सिद्धार्थ निस्संदेह आने वाले समय में और भी बड़े प्रशासनिक, आर्थिक और रचनात्मक योगदान देंगे, जिससे बिहार और देश को नई दिशा मिलेगी।