
अभिषेक सिंह (Abhishek Singh), एक ऐसा नाम जिसने न केवल भारतीय प्रशासनिक सेवा में अपनी पहचान बनाई, बल्कि अभिनय की दुनिया में भी अपनी अलग छाप छोड़ी। उत्तर प्रदेश के जौनपुर से ताल्लुक रखने वाले अभिषेक सिंह की कहानी बेहद प्रेरणादायक और चर्चित रही है। आइए जानते हैं इस बहुमुखी व्यक्तित्व के जीवन की पूरी यात्रा।
अभिषेक सिंह का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा | Abhishek Singh Early Life and Education
अभिषेक सिंह का जन्म 22 अगस्त 1983 को उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में हुआ। उनके पिता कृपाशंकर सिंह एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रहे हैं। एक प्रशासनिक पृष्ठभूमि से आने के कारण अभिषेक में भी शुरू से ही सिविल सेवा को लेकर रुचि रही।
उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और फिर यूपीएससी की तैयारी में जुट गए। कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ अभिषेक ने 2011 में अपने पहले प्रयास में ही ऑल इंडिया रैंक 94 के साथ आईएएस परीक्षा पास कर ली।
अभिषेक सिंह करियर की शुरुआत | Abhishek Singh Career Start
अभिषेक को उत्तर प्रदेश कैडर आवंटित हुआ और उन्होंने कई अहम पदों पर काम किया। उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने:
- दिल्ली के डिप्टी कमिश्नर के रूप में कार्य किया
- अंततः दिल्ली के आयुक्त पद पर कार्यभार संभाला
उनकी कार्यशैली कुशल और लोगों के हित में रही, जिससे वे अधिकारियों और जनता के बीच लोकप्रिय हो गए।
अभिषेक सिंह द्वारा SIGMA की स्थापना | SIGMA was founded by Abhishek Singh
आईएएस रहते हुए अभिषेक ने एक गैर-लाभकारी संगठन SIGMA (Students for Involved Governance and Mutual Action) की स्थापना की। इसका उद्देश्य एनसीआर क्षेत्र में अकुशल मजदूरों को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करना था। यह पहल युवाओं और प्रशासनिक भागीदारी को जोड़ने की एक सफल कोशिश रही।
अभिषेक सिंह का निलंबन और इस्तीफा | Suspension and resignation of Abhishek Singh
फरवरी 2023 में अभिषेक सिंह को 82 दिनों तक बिना सूचना के अनुपस्थित रहने के कारण उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निलंबित कर दिया गया। इस घटना के बाद उन्होंने मार्च 2023 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस फैसले ने मीडिया और सोशल मीडिया पर बड़ा बवाल मचाया।
अभिषेक सिंह का अभिनय की ओर रुझान | Abhishek Singh inclination towards acting
अभिषेक सिंह को अभिनय का शौक पहले से था। मुकेश छाबड़ा, जो बॉलीवुड के एक मशहूर कास्टिंग डायरेक्टर हैं, ने उन्हें एक्टिंग की दुनिया में पहला ब्रेक दिया।
- दिल्ली क्राइम (नेटफ्लिक्स): इस वेब सीरीज के दूसरे सीज़न में अभिषेक ने अहम भूमिका निभाई।
- दिल तोड़ के (म्यूज़िक वीडियो): बी प्राक द्वारा गाए इस गीत में उनके अभिनय को दर्शकों ने खूब सराहा।
- चार पंद्रह (लघु फिल्म): 2019 में आई इस शॉर्ट फिल्म को IFFI अवॉर्ड में ‘बेस्ट साउंड रिकॉर्डिंग’ का पुरस्कार मिला।
- उन्होंने जुबिन नौटियाल, बादशाह, और बी प्राक जैसे सिंगर्स के साथ कई म्यूज़िक वीडियो में काम किया।
आज उनके इंस्टाग्राम पर 5 मिलियन से अधिक फॉलोअर्स हैं, और वे एक लोकप्रिय डिजिटल सेलिब्रिटी बन चुके हैं।
अभिषेक सिंह से जुड़े विवाद | Abhisekh Singh Controversy related
विकलांगता का दावा
अभिषेक सिंह के खिलाफ आरोप लगे कि उन्होंने लोकोमोटर विकलांगता (चलने-फिरने में अक्षम) का झूठा दावा कर UPSC में आरक्षण प्राप्त किया।
जब सोशल मीडिया पर उनके डांस और जिम वीडियो वायरल हुए, तो लोगों ने सवाल उठाए कि एक शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति इतना सक्रिय कैसे हो सकता है?
हालांकि इस विवाद पर कोई औपचारिक जांच या कानूनी कार्यवाही नहीं हुई, पर ये मामला उनकी छवि के लिए एक चुनौतीपूर्ण मोड़ था।
अभिषेक सिंह का निजी जीवन और प्रेम कहानी | Abhishek Singh Personal Life and Love Story
अभिषेक सिंह की निजी ज़िंदगी भी उतनी ही दिलचस्प रही है। कॉलेज के दिनों में उन्हें एक लड़की से धोखा मिला, जिससे उनका दिल टूट गया। इसी दुःख ने उन्हें यूपीएससी की तैयारी में एकाग्र कर दिया।
अभिषेक सिंह का विवाह | Abhishek Singh marriage
वर्ष 2010 में अभिषेक सिंह ने आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल से विवाह किया। दुर्गा शक्ति एक तेजतर्रार अधिकारी हैं, जिन्हें उनकी निडर छवि के लिए जाना जाता है। वे वर्तमान में बांदा, उत्तर प्रदेश की जिलाधिकारी (DM) के रूप में कार्यरत हैं।
अभिषेक सिंह का सामाजिक योगदान | Abhishek Singh Social contribution
COVID-19 महामारी के दौरान अभिषेक सिंह ने जरूरतमंदों की मदद की। उन्होंने दिल्ली क्राइम के क्रू और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को तीन महीने की आर्थिक सहायता दी।
इसके अलावा, उन्होंने राम जन्मभूमि मंदिर के दर्शन के इच्छुक लोगों के लिए जौनपुर से अयोध्या तक फ्री बस सेवा भी शुरू की।
अभिषेक सिंह की राजनीति में एंट्री की उम्मीदें | Abhishek Singh is expected to enter politics
2023 में उन्होंने गणेशोत्सव का भव्य आयोजन कर स्थानीय राजनीति में दिलचस्पी दिखाई। यह माना जा रहा है कि वे जल्द ही राजनीतिक करियर की शुरुआत कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अभिषेक लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बन सकते हैं।
निष्कर्ष
अभिषेक सिंह की कहानी हमें यह सिखाती है कि इंसान एक नहीं, कई क्षेत्रों में सफल हो सकता है—बस जरूरत है जुनून और आत्मविश्वास की। उन्होंने प्रशासनिक सेवा में उत्कृष्ट कार्य किया, अभिनय में अपनी पहचान बनाई, और अब शायद राजनीति में कदम रखने वाले हैं।
चाहे वो एक ईमानदार अफसर के रूप में हों, एक उम्दा अभिनेता के रूप में, या एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में—अभिषेक सिंह का सफर एक प्रेरणा है उन सभी के लिए जो ज़िंदगी में बदलाव से नहीं डरते।
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