संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा हर साल लाखों युवाओं की तैयारी का केंद्र बन जाती है। यह परीक्षा सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है और इसे पास करना कई युवाओं का सपना होता है। जब यह सपना सच में पूरा होता है, तो उनकी कड़ी मेहनत और संघर्ष की कहानी दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बन जाती है। कुछ लोगों की कहानियाँ इतनी प्रेरणास्त्रोत होती हैं कि उनके संघर्ष की कड़ीयाँ और चुनौतियाँ भी नमीं-नमीं हो जाती हैं। इससे ही हमें यह शिक्षा मिलती है कि ‘जो व्यक्ति अपनी मेहनत पर अपने भाग्य से ज्यादा विश्वास करता है, वह एक न एक दिन तारों की तरह चमकता ही है’।
हम यहाँ एक ऐसी कहानी की बात कर रहे हैं, जो गरीब परिवार से आई एक बेटी, दिव्या तंवर, की है। उन्होंने सीमित संसाधनों के बावजूद अपने पढ़ाई के माध्यम से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 में 438 वीं रैंक हासिल की। इसके बाद भी, वे अपने प्रयासों को जारी रखते हुए, दूसरी बार यूपीएससी सीएसई 2022 में 105वीं रैंक हासिल करके आईपीएस अधिकारी बन गईं।
आज के इस लेख में हम आपको दिव्या तंवर के जीवन परिचय के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे। दिव्या तंवर का यह संघर्षपूर्ण सफर हमें यह सिखाता है कि अगर हमारी मेहनत और संकल्प दृढ़ हो, तो हम किसी भी मुश्किलात का सामना कर सकते हैं और अपने सपनों को पूरा करने में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
दिव्या तंवर ने अपने परिश्रम और प्रतिबद्धता से दिखाया कि छोटी सी आवश्यकताओं के बावजूद भी सपनों की पुर्ती संभव है। उनका यह प्रेरणादायक कदम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उत्तराधिकारी संकल्प है कि वे भी अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए हाथ में मेहनत और संघर्ष का सामर्थ्य रखते हैं।
IAS दिव्या तंवर की जीवनी परिचय (Divya Tanwar Biography in Hindi)
संक्षिप्त परिचय
नाम (Name) | दिव्या तंवर |
जन्म (Birth) | 1997 |
जन्म स्थान (Birth place) | महेंद्रगढ़ हरियाणा |
नागरिकता(citizenship) | भारतीय |
उम्र (Age) | 26साल |
शिक्षा (Education) | BSc |
स्कूल (School) | जवाहर नवोदय विद्यालय |
कॉलेज (College) | सरकारी पीजी कॉलेज महेंद्रगढ़ हरियाणा |
यूपीएससी अटेम्प्ट्स (UPSC Attempts) | दो बार |
नागरिकता(citizenship) | भारतीय |
धर्म (Religion) | हिंदू |
जाति (Cast) | राजपूत |
शौक (Hobby) | डांस, सिंगिंग और किताबें पढ़ना |
वैवाहिक स्थिति (married status) | अविवाहित |
भाषा (Language) | हिंदी और अंग्रेजी |
दिव्या तंवर कौन है (Who is Divya Tanwar)
दिव्या तंवर हरियाणा के महेंद्रगढ़ शहर की निवासी हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय से प्राप्त की और उसके बाद सरकारी पीजी कॉलेज, महेंद्रगढ़ से बीएससी में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में कठिनाइयों का सामना किया और अपने मेहनती प्रयासों के बल पर पहले ही प्रयास में यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा 2021 में 438वीं रैंक हासिल की। उनकी मेहनत और संघर्ष ने उन्हें आईपीएस अधिकारी बनने का मौका दिलाया और उन्हें मणिपुर कैडर में अलॉट किया गया। इसके बाद भी, उन्होंने अपनी पढ़ाई को निरंतर जारी रखते हुए, यूपीएससी सीएसई 2022 में एक बार फिर से सफलता हासिल करके 105वीं रैंक प्राप्त की है।
दिव्या तंवर की शिक्षा (Divya Tanwar Education Qualification)
दिव्या तंवर ने अपनी शिक्षा की यात्रा की शुरुआत महेंद्रगढ़ के निम्बी जिले के मनु हाई विद्यालय से की। उन्होंने यहाँ से अपनी पढ़ाई की शुरुआत की ताकि उनकी माँ पर पढ़ाई का बोझ न पड़े। उन्होंने जवाहर नवोदय विद्यालय का प्रवेश प्राप्त कर उसके अंतर्गत अध्ययन किया। इसके बाद, उन्होंने सफलतापूर्वक 12वीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की और इसके बाद गवर्नमेंट पीजी कॉलेज में प्रवेश प्राप्त किया। यहाँ से उन्होंने बीएससी (पीसीएम) में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
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दिव्या तंवर का यूपीएससी संघर्ष (Divya Tanwar UPSC )
दिव्या तंवर ने अपनी शिक्षा की यात्रा के दौरान अपने में महत्वपूर्ण और महान अवसरों का सामना किया है। उन्होंने बीएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में अपने आत्म-समर्पण को दिखाने का निर्णय लिया। उनका सफर बहुत ही मुश्किल चुनौतियों से भरपूर रहा है, लेकिन उन्होंने उन सभी चुनौतियों का सामना करके सफलता की ऊँचाइयों को छूने में सफलता प्राप्त की।
दिव्या ने कोचिंग की सहायता के बजाय अपनी खुद की मेहनत और संघर्ष की बलबूता पर यकीन किया। वे निरंतर सेल्फ स्टडी करते रहे और अपने लक्ष्य की दिशा में मुख्य ध्यान केंद्रित किया। उनका दिन शुरू होता था 4 से 5 घंटे की पढ़ाई से, जिसको धीरे-धीरे बढ़ाकर वे रोजाना 10 घंटे तक पढ़ाई करने लगी। उन्होंने एक छोटे से 10X10 के कमरे में ही पढ़ाई की, जिसमें उनका खाना-पीना, पढ़ना और सोना सब होता था। उनका पूरे साल का समय यहीं कटता था और इससे उन्हें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति होती गई।
दिव्या ने प्रीलिम्स एग्जाम के लिए मटेरियल्स को ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त किया और सेल्फ स्टडी की। उन्होंने टॉपर्स की सलाह के अनुसार NCERT और स्टैंडर्ड बुक की पढ़ाई की और यही सामग्री उन्हें प्रीलिम्स एग्जाम के लिए बेहद सहायक साबित हुई। इसके बाद, उन्होंने फाइनल एग्जाम की तैयारी के लिए दृष्टि कोचिंग का मेंटरशिप प्रोग्राम ज्वाइन किया, जिसमें कई टेस्ट सीरीज और मॉक टेस्ट शामिल थे। इन टेस्टों से उन्हें बेहतर तैयारी करने में मदद मिली।
उन्होंने प्रीलिम्स एग्जाम के बाद दिल्ली जाकर फाइनल एग्जाम की तैयारी की और वहाँ दृष्टि कोचिंग की लाइब्रेरी में अध्ययन किया। इसके अलावा, वे मैन्स और आंसर राइटिंग की प्रेक्टिस के लिए भी वहाँ रुखा। उन्होंने हिंदी साहित्य को अपने वैकल्पिक विषय के रूप में चुना और इसमें भी मेहनत करते रहे।
दिव्या तंवर का यूपीएससी सफर हमें यह सिखाता है कि संघर्ष, मेहनत और सही दिशा में प्रतिबद्धता से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करना संभव है। उनकी प्रेरणादायक कहानी हमें यह दिखाती है कि चाहे जितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न हो, अगर हमारी मेहनत और संकल्प दृढ़ हो, तो हम सफलता की ऊँचाइयों को छू सकते हैं।
दिव्या तंवर प्रथम प्रयास आईपीएस में
एक अद्वितीय कहानी जो हमें सिखाती है कि संघर्ष, मेहनत और समर्पण से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करना संभव हो सकता है। इस कहानी की मुख्य किरण दिव्या तंवर है, जिन्होंने अपने जीवन में कड़ी मेहनत और निष्ठा के साथ यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा 2021 में पहले प्रयास में ही 438 रैंक हासिल कर लिया।
दिव्या, जो केवल 23 साल की उम्र में इस महत्वपूर्ण परीक्षा के लिए उत्साहित थी, ने हमें यह सिखाया कि संघर्षों के बावजूद भी यदि हमारी मेहनत सही दिशा में हो, तो हम किसी भी समस्या का समाधान पा सकते हैं। उन्होंने सिद्ध किया कि सफलता पाने के लिए अधिकतम संसाधनों की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि निरंतर मेहनत, उत्साह और प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है।
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इस महत्वपूर्ण पहलु के अलावा, दिव्या ने इस सफलता का सम्मान और श्रेय अपनी माँ को समर्पित किया। उनकी माँ ने कभी भी दिव्या को घरेलू कामों में दबाव नहीं डाला बल्कि उन्हें मेहनत और समर्पण की महत्वपूर्णता सिखाई। अपनी माँ की मजदूरी और संघर्ष के कारण आज दिव्या ने वो मुकाम हासिल किया है जिसके लिए वो सपने देख रही थीं। उनके इस उपलब्धि पर उनके गाँव में गर्व की लहर उठी है और उनकी माँ की संघर्षपूर्ण कहानी ने सभी को प्रेरित किया है।
दिव्या तंवर दूसरे प्रयास आईएएस में
एक बार फिर से दिव्या ने अपने मेहनती प्रयासों का परिणाम दिखाया और उन्होंने दूसरे प्रयास में सफलता हासिल की। उन्होंने यूपीएससी सीएसई 2022 में 105 रैंक हासिल की है, जिससे उनका सपना जो आईएएस अफसर बनने का था, पूरा हुआ। दिव्या ने अपनी मेहनत और समर्पण से एक नई उचाइयों को छूने का साबित किया है।
दिव्या तंवर की मार्कशीट (Divya Tanwar Marksheet)
दिव्या तंवर ने अपने प्रयासों की मेहनत और समर्पण का परिणाम यूपीएससी परीक्षा की मार्कशीट में दिखाया है। वे इस प्रमुख परीक्षा में बेहद महत्वपूर्ण अंक प्राप्त करके अपने सपने की दिशा में अग्रसर हो रही हैं।
यूपीएससी की प्रीलिम्स एग्जाम में, दिव्या तंवर ने जनरल स्टडीज के पेपर-I में 81.68 मार्क्स प्राप्त किए और सीसैट के पेपर में 68.92 मार्क्स प्राप्त किए। उन्होंने मैन्स एग्जाम में 751 मार्क्स प्राप्त किए और अपने इंटरव्यू में 179 मार्क्स हासिल किए। इस प्रकार, उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 2025 में से कुल 930 (40.43%) मार्क्स प्राप्त किए हैं।
प्रीलिम्स मार्कशीट
पेपर 1 | 81.68 |
पेपर 2 | 68.92 |
कुल | 150.60 |
फाइनल मार्कशीट
निबंध | 122/250 |
सामान्य अध्ययन पेपर 1 | 193/250 |
सामान्य अध्ययन पेपर 2 | 100/250 |
सामान्य अध्ययन पेपर 3 | 81/250 |
सामान्य अध्ययन पेपर 4 | 83/250 |
सामान्य अध्ययन कुल नंबर | 357/ 1000 |
हिंदी साहित्य 1 | 145/250 |
हिंदी साहित्य 2 | 127/250 |
वैकल्पिक विषय कुल नंबर | 272/ 500 |
लिखित कुल नंबर | 751/ 1750 |
साक्षात्कार | 179/275 |
कुल | 930 /2025 |
दिव्या तंवर की प्रिप्रेशन के महातोपूर्ण किताबे
दिव्या तंवर ने अपनी तैयारी के लिए कई महत्वपूर्ण पुस्तकें पढ़ी हैं, जो उनकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। उनकी बुक लिस्ट निम्नलिखित है:
- – NCERT (6 से 12वीं तक)
- – 10 साल के आईएएस प्रीलिम्स के पेपर
- – आधुनिक भारत का इतिहास ( स्पेक्ट्रम)
- – भारत की राजव्यवस्था (लक्ष्मीकान्थ)
- – भारतीय अर्थव्यवस्था (रमेश सिंह)
- – भूगोल (जीसी लेओंग)
- – भारत का प्राचीन अतीत (राम शरण शर्मा)
- – मध्यकालीन भारत (बिपिन चंद्र)
- – CSAT (अरिहंत प्रकाशन)
- – निबंध – 151 निबंध
- – आधुनिक भारत का संक्षिप्त इतिहास
- – गांधी जी के बाद का भारत
- – भारत स्वतंत्रता के लिए संघर्ष
- – भारत में सामाजिक समस्याएं
FAQ:
Q. आईएएस दिव्या तंवर की जन्म कब हुआ था?
आईएएस दिव्या तंवर का जन्म वर्ष 1996 में हरियाणा में महेंद्रगढ़ जिला के निम्बी ग्राम में हुआ था।
Q. आईएएस दिव्या तंवर की उम्र कितनी है?
आईपीएस दिव्या तंवर की उम्र साल 2023 में 24 वर्ष है।
Q. आईएएस दिव्या तंवर की बहन कौन?
आईएएस दिव्या तंवर की एक छोटी बहन है और उनका नाम तनीषा है और वह अभी पढ़ाई कर रही हैं।
Q. आईएएस दिव्या तंवर की रैंक कितनी है?
आईपीएस दिव्या तंवर ने यूपीएससी परीक्षा 2021 में 438 माह रैंक और 2022 में 105 वां रैंक हासिल किया है
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