
श्ववेता भारती एक साधारण परिवार से आने वाली लड़की हैं, जिन्होंने असाधारण मेहनत और लगन से UPSC जैसी कठिन परीक्षा को पास किया। दिलचस्प बात यह है कि जब वो सिविल सेवा की तैयारी कर रही थीं, तब वह एक प्राइवेट कंपनी में 9 घंटे की फुल टाइम नौकरी भी करती थीं।
9 से 6 की नौकरी, फिर भी नहीं मानी हार
अधिकांश लोग मानते हैं कि UPSC की तैयारी के लिए नौकरी छोड़नी पड़ेगी, लेकिन श्ववेता भारती ने इस धारणा को तोड़ दिया। उन्होंने दिन में नौकरी की और रात में पढ़ाई। उनका कहना है कि उन्होंने समय का बेहद स्मार्ट तरीके से उपयोग किया। ऑफिस के दौरान ब्रेक टाइम में भी वे नोट्स दोहराती थीं।
टाइम मैनेजमेंट बना सबसे बड़ा हथियार
श्ववेता के अनुसार, सफलता का सबसे बड़ा रहस्य उनका “टाइम मैनेजमेंट” था। वह ऑफिस के बाद रोजाना कम से कम 4 से 5 घंटे पढ़ाई करती थीं। छुट्टियों और वीकेंड पर वे पूरे दिन पढ़ाई में डूबी रहती थीं।
बिना कोचिंग UPSC की तैयारी
श्ववेता ने कोई बड़ी कोचिंग जॉइन नहीं की थी। उन्होंने अधिकतर तैयारी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और NCERT जैसी बेसिक किताबों से की। उन्होंने सिलेबस को बारीकी से समझा, पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों का विश्लेषण किया और अपने उत्तर लेखन कौशल को बेहतर बनाया।
श्ववेता की रणनीति क्या थी?
- सिलेबस को पूरी तरह समझना और सीमित स्रोतों से पढ़ाई करना।
- रिवीजन पर विशेष ध्यान देना।
- टाइम टेबल बनाकर पढ़ाई करना, और उस पर ईमानदारी से अमल करना।
- मॉक टेस्ट और उत्तर लेखन की नियमित प्रैक्टिस।
- नौकरी के समय का सही उपयोग – ट्रैवल टाइम में ऑडियो नोट्स सुनना।
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इंटरव्यू में भी मारी बाज़ी
प्रिलिम्स और मेंस क्लियर करने के बाद श्ववेता ने इंटरव्यू राउंड में भी कमाल कर दिया। उनका आत्मविश्वास, प्रशासनिक समझ और ग्राउंड लेवल का अनुभव इंटरव्यू बोर्ड को खासा प्रभावित कर गया।
श्ववेता भारती की सफलता उन युवाओं के लिए सबक
श्ववेता भारती की सफलता यह साबित करती है कि अगर इच्छा शक्ति और आत्मविश्वास हो, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। वह आज लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं जो नौकरी करते हुए UPSC की तैयारी करना चाहते हैं।
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निष्कर्ष
श्ववेता की कहानी एक मिसाल है – न नौकरी छोड़ी, न हिम्मत हारी। उन्होंने अपनी मेहनत और टाइम मैनेजमेंट से दिखा दिया कि अगर लक्ष्य पर फोकस हो, तो कामयाबी जरूर मिलती है।