
सुबोध कुमार सिंह(Subodh Kumar Singh), एक अनुभवी और प्रतिष्ठित आईएएस अधिकारी, हाल ही में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) के महानिदेशक (DG) पद से हटाए जाने के बाद सुर्खियों में आए हैं। नीट (NEET) परीक्षा पेपर लीक विवाद के चलते केंद्र सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया और उनकी जगह प्रदीप सिंह खरोला को नया DG नियुक्त किया गया है। सुबोध कुमार सिंह की यह यात्रा न केवल प्रशासनिक अनुभवों से भरी हुई है, बल्कि शिक्षा, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा का भी उदाहरण है। आइए जानते हैं उनके जीवन की पूरी कहानी।
सुबोध कुमार सिंह का जीवनी परिचय | Subodh Kumar Singh Ias biography in hindi
पूरा नाम | सुबोध कुमार सिंह |
बैच वर्ष | 1997 |
कैडर | छत्तीसगढ़ |
जन्म स्थान | कानपुर, उत्तर प्रदेश |
पिता का पेशा | सरकारी शिक्षक |
स्कूली शिक्षा | कानपुर |
ग्रेजुएशन | BE (इलेक्ट्रिकल), IIT रुड़की |
पोस्ट ग्रेजुएशन | ME (IIT रुड़की), MBA (IGNOU) |
पहली पोस्टिंग | असिस्टेंट कलेक्टर, मंडला |
प्रमुख पोस्टिंग | कलेक्टर – रायगढ़, रायपुर, बिलासपुर |
एनटीए DG कार्यकाल | जून 2023 – 2024 |
वर्तमान स्थिति | एनटीए से हटाए गए |
सुबोध कुमार सिंह का प्रारंभिक जीवन और पारिवारिक | Subodh Kumar Singh Early Life and Family
सुबोध कुमार सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था। उनके पिता एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक थे। एक मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले सुबोध ने कठिन परिश्रम और उच्च आदर्शों के साथ जीवन में आगे बढ़ने का मार्ग चुना। उनका पालन-पोषण ऐसे वातावरण में हुआ जहाँ शिक्षा और अनुशासन को विशेष महत्व दिया जाता था।
सुबोध कुमार सिंह का शिक्षा | Subodh Kumar Singh Education Qualification
सुबोध सिंह ने अपनी शुरुआती शिक्षा कानपुर से पूरी की। इसके बाद उन्होंने आईआईटी रुड़की जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (BE) की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने यहीं से मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग (ME) भी पूरा किया। उनकी शैक्षिक यात्रा यहीं नहीं रुकी — उन्होंने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) से MBA की डिग्री भी हासिल की। उनकी यह शैक्षणिक पृष्ठभूमि प्रशासन में तकनीकी दक्षता और रणनीतिक दृष्टिकोण लाने में मददगार साबित हुई।
सुबोध कुमार सिंह का UPSC संघर्ष | Subodh Kumar Singh UPSC Struggle
साल 1997 बैच के आईएएस अधिकारी सुबोध सिंह को छत्तीसगढ़ कैडर आवंटित हुआ था। यूपीएससी की कठिन परीक्षा पास कर उन्होंने प्रशासनिक सेवा में प्रवेश किया। अपने करियर की शुरुआत में ही उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया था कि वे ईमानदारी, दक्षता और जनता के प्रति समर्पण को प्राथमिकता देंगे।
सुबोध कुमार सिंह का पोस्टिंग | Subodh Kumar Singh Posting
आईएएस बनने के बाद सुबोध सिंह की पहली पोस्टिंग मंडला जिले में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में हुई थी। इसके बाद उन्हें कोरिया जिले का एसडीओ बनाया गया। जब छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ, तो वे बस्तर जिले के पहले जिला पंचायत सीईओ नियुक्त हुए। वर्ष 2002 में उन्हें रायगढ़ के जिलाधिकारी (DM) के पद पर तैनात किया गया। उन्होंने रायपुर और बिलासपुर जैसे प्रमुख जिलों में भी कलेक्टर के रूप में सेवाएं दीं। उनकी कार्यशैली में पारदर्शिता और निर्णय लेने की क्षमता प्रमुख विशेषताएं रहीं।
एनटीए के डीजी के रूप में सुबोध कुमार सिंह का कार्यकाल | Tenure of Subodh Kumar Singh as DG of NTA
जून 2023 में, सुबोध कुमार सिंह को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) का महानिदेशक नियुक्त किया गया। इससे पहले वे केंद्रीय खाद्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (Additional Secretary) के पद पर कार्यरत थे। एनटीए में रहते हुए उनका कार्यकाल शुरुआत में सुचारू रूप से चला, लेकिन NEET UG परीक्षा 2024 के पेपर लीक विवाद के बाद उनकी भूमिका पर सवाल उठने लगे।
इस विवाद ने देशभर में शिक्षा प्रणाली की पारदर्शिता को लेकर बहस छेड़ दी। इसी के चलते केंद्र सरकार ने 2024 में उन्हें DG पद से हटा दिया और उनके स्थान पर वरिष्ठ आईएएस अधिकारी प्रदीप सिंह खरोला को नियुक्त किया गया।
सुबोध कुमार सिंह का विवाद और चर्चा | Subodh Kumar Singh Controversy and discussion
नीट पेपर लीक विवाद के बाद एनटीए की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठे। कई छात्रों और अभिभावकों ने परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर चिंता जताई। इस पूरे मामले में DG के रूप में सुबोध सिंह की भूमिका की समीक्षा की गई और अंततः उन्हें पद से हटा दिया गया। हालांकि, यह विवाद उनके समग्र प्रशासनिक करियर पर प्रश्नचिह्न नहीं लगाता, क्योंकि उन्होंने वर्षों तक बेदाग और कुशल प्रशासनिक सेवाएं दी हैं।
सुबोध कुमार सिंह का निजी जीवन| Subodh Kumar Singh Personal life
सुबोध कुमार सिंह का व्यक्तिगत जीवन काफी गोपनीय रहा है। वे सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखते हैं और अपने काम को ही प्राथमिकता देते हैं। उनका जीवन संयम, अनुशासन और सेवा के आदर्शों का प्रतीक है।
निष्कर्ष
सुबोध कुमार सिंह का प्रशासनिक जीवन एक ऐसे अफसर की कहानी है जो शिक्षा, अनुशासन और सेवा के मूल्यों में विश्वास करता है। हालांकि हाल ही में उन्हें NEET विवाद के चलते एनटीए से हटाया गया है, लेकिन उनके पूरे करियर की उपलब्धियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने जिन जिलों में कार्य किया, वहाँ उन्होंने जनहित को सर्वोपरि रखते हुए काम किया। उनका जीवन उन युवाओं के लिए प्रेरणा है जो सिविल सेवा में जाकर समाज को बेहतर बनाने का सपना देखते हैं।