
Lata Mangeshkar Biography:स्वर कोकिला लता मंगेशकर सिर्फ भारत की ही नहीं बल्कि पूरे दुनिया के सबसे विख्यात और प्रसिद्ध गायिका हैं, जिन्होंने अपनी मधुर आवाज से पूरे विश्व में अपनी प्रसिद्धि प्राप्त की है। इनकी आवाज के आगे आज पूरी दुनिया नतमस्तक है। लता मंगेशकर मात्र एक ऐसी जीवित वेक्तिहाई जिनके नाम से प्रुस्कर दिया जाता था। जिन्होंने 1000 फिल्मों से भी ज्यादा फिल्मों में अपना आवाज दे चुकी थी और 36 से भी अधिक भाषाओं में गाना गा चुकी थी वह भारत के प्रसिद्ध प्लेबैक सिंगर और म्यूजिक कंपोजर के रूप में जानी जाती है।
संक्षिप्त परिचय(Brief Introduction)
नाम | लता मंगेशकर, हेमा(बचापनका नाम) |
उपनाम | भारत की कोकिला, स्वर साम्राज, Indian nightingale, दीदी |
पिता | दीनानाथ मंगेशकर |
माता | श्वबंती मंगेशकर |
जन्म | 28 सितंबर 1929 |
जन्म स्थान | इंदौर, मध्य प्रदेश,भारत |
भाई | हृदयनाथ मंगेशकर |
बहन | मीना खडीकर, आशा भोसले, उषा मंगेशकर |
गुरु | पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर, उस्ताद अमानत अली खान, गुलाम हैदर, पंडित तुलसीदास शर्मा |
व्यवसाय | पार्श्व गायिका, निर्माता, संगीत निर्देशक |
विवाहिक स्थिती | नही की |
नागरिकता | भारतीय |
धर्म | हिंदू |
गृहनगर | मुंबई, महाराष्ट्र |
सम्मान | पद्मभूषण (1969), दादासाहेब फालके अवॉर्ड (1989), legion of Honor 2007 |
लता मंगेशकर की जन्प्राम रंभिक जीवन (lata mangeshkar Birth and early life)
भारत के सबसे प्रसिद्ध लोकप्रिय गायिका लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में एक गोम्नतक मराठा के एक माध्यम वर्ग के परिवार में हुआ था। बचपन में लता का नाम हेमा था। बाद में उनके पिता ने उनका नाम बदल कर लता रख दिए।
उनके के पिताजी का नाम पंडित दीनानाथ मंगेशकर था। वे शास्त्री संगीत के शिक्षा और थियेटर अभिनेता थे। लता के परिवार का उपनाम पहले हार्डीकर लेकिन उनके पिताजी ने उसे बदलकर अपने गांव के नाम मंगेशी पर अपना उपनाम मंगेशकर रख ली। उनके पूर्वाजो का पुश्तैनी घर मंगेशी था जो गोवा में पड़ता है।
लता जी के माता का नाम श्वंती मगेशकर(शुधमती) जो महाराष्ट्र के थालनेर से विलोम करती थी और यह दीनानाथ की दूसरी पत्नी थी। लता कुल चार भाई–बहन थी जिनका नाम मीना मंगेशकर, आशा भोसले, उषा मंगेशकर और भाई ह्रदयनाथ मंगेशकर उनमें सबसे बड़ी लता मंगेशकर ही थी।
लता मंगेशकर की बचपना (Chaildhood of lata mangeshkar)
लता जब छोटी थी तब उनके पिता जी अपने शियो को शास्त्री संगीत सीखते थे। एक दिन उनके पिताजी के गैरहाजरी में गलत गा रहा था। तो लता ने उसे ठीक से उसे गा कर बताया और बोली इस तरह से गाते है।उनके पिताजी दीनानाथ जी पीछे खरा होकर सब सुन रहे थे। पिता जी ने लता की मां से कहा कि हम बाहर के लोगो को संगीत शिक्षा दे रहे ही जबकि हमारे घर में भी एक 5 साल की गायिका है उसे क्यों नहीं सीखा रहे हम।
उसके बाद उनके पिता जी 5 साल की उम्र से ही नित दिन संगीत सीखने लगे। छोटे उम्र से ही लता अपने पिता जी के साथ स्टेज पर अभिनय किया करती थी। एक दिन कुछ ऐसा हुए की नारद के किरेदार निभाने बाला नहीं आया तो उनके पिता जी बहुत परेशान थे। लता ने अपने पिता जी से खा की कोई बात नही मैं नारद का किरदार निभाऊगी।
उनके पिता दीनानाथ जी ने कहा कि तुम बहुत छोटी हो और मेरे साथ सटेज पर गाना गाओगी तो ठीक नहीं लगे गा। लता ने कहा देखना पिताजी मैं एक बार जरूर आऊंगी। उसके बाद लता ने अपने पिता जी के साथ स्टेज पर अभिनय की और उन्होंने जैसा कही थी वैसा ही हुआ। बचपन से ही लता के एल सहगल की संगीत से काफी प्रभावित थी, लता ने अपनी मां से कही थी कि मैं बड़ा होकर के. एल. सहगल से हूं शादी करूंगी।
पंडित दीनानाथ मंगेशकर की भविष्यवाणी (Prediction of Pandit Deenanath Mangeshkar)
लता के पिताजी दीनानाथ मंगेशकर ज्योतिष विज्ञान के बहुत बड़े जानकार थे उन्होंने अपनी बेटी लता की भविष्यवाणी बचपन में ही कर दी थी। और अपनी बेटी ललिता को बता दिए थे, तू आगे चलकर इतना सफल हो जाओगी इसकी कल्पना कोई नहीं कर सकता पर तेरी सफलता देखने के लिए मैं नहीं रहूंगा। ठीक हो ऐसा ही हुआ जैसा उनके पिताजी कहते हैं कुछ दिन बाद 1942 में उनके पिताजी दीनानाथ मंगेशकर का निधन हो गया।
उनके पिताजी का निधन हो जाने के बाद उनका परिवार पूरी तरह से टूट चुका था और इनकी घर के सारी जिम्मेदारी लता पर आ गई थी। क्योंकि लता सभी भाइयों बहनों में बड़ी थी, और इस समय वे मात्र 13 वर्ष की थी।
लता मंगेशकर की सादी(Lata Mangeshkar marriage)
लता मंगेशकर ने सादी नही की है, उनके पिताजी के निधन के बाद परिवार की सारी जिमेदारिया उन्ही पर आगया। अपने परिवार की उलझने दूर करने में ही समय बीत गया, उन्हे कभी सादी के बारे में सोचने का समय ही नहीं मिला।
खबरों को में तो संगीतकार सी. रामचंद्रम ने उन्हें प्रपोज किया था पर उन्होंने सुनके प्रपोजल को ठुकरा दिया।
लता मंगेशकर की प्रारंभिक केेरियर (lata Mangeshkar’s Career)
लता मंगेशकर को फिल्मों में अभिनय करने का जरा भी मन नहीं था। लेकिन परिवार चलाने के लिए काम करना पड़ा। लता के पिता जी का दोस्त अभिनेता जोशी साहेब ने फिल्म मेकर मास्टर विनायक से इस बारे में बात की तो उन्होंने 1943 में पहली बार एक मराठी फिल्म “किती हसाल” में एक हिंदी गाना गाने का मौका मिला। मास्टर विनायक फिल्मी जगत के प्रसिद्ध अदाकारा अभिनेत्री नंदा के पिता थे।
मास्टर विनायक जी ने ही लता के परिवार को सहारा दिया और पूरे परिवार को कोलापुर बुला लिया। विनायक ने एक फिल्म बनाना शुरू किए उस फिल्म का नाम था “बारी मां” इस फिल्म की अभिनेत्री नूर जहां और जिसमे लता को एक छोटा सा रोल और गाना गाने को मिला था। फिल्म की सेट पर नूर जहां का जब भी समय मिलता तो वह लता के साथ कुछ गीत गुनगुना लेती।
इसी फिल्म के सिलसिले में मुंबई आई और मुंबई में उन्हे काफी संघर्ष करना पर था। फिर अपनी शास्त्री संगीत को पूरा करने के उस्ताद अमन अली खान साहेब ट्रेनिग ली। और साथ ही परिवार को चलाने के लिए अभिनय किया करती थी। कुछ समय बाद उन्हे छोटे छोटे फिल्मों में गाना गाने का ऑफर मिलने लगा। और जब से उन्हें अच्छे गाने गाने का ऑफर मिलने लगा तो 1947 में अभिनय करना छोड़ दी।
जब लता मंगेशकर कुछ पैसे कमाने लगी तो उन्होंने बारे शौक से 525 रुपिया में एक रेडियो खरीदी। जो उस रेडियो को सेटप करी और चालू किया तो उसमे आकाशवाणी का पहला खबर के. एल. सैगल का निधन का था। आपको बता दे की सैगल साहेब उनके आदर्श और पसंदीदा गायक थे। इसलिए इस खबर को सुनने के बाद उन्होंने कहा इस रेडियो को बेच अति हूं मुझे ऐसा रेडियो नही चाहिए। इसके बाद मास्टर विनायक का भी निधन हो गया।
उसके बाद लता की मुलाकात मशहूर संगीतकार गुलाम हैदर से हुआ और उन्होंने लता की आवाज को पहचाना। उस समय के गायिका की आवाज मोटा हुए करता था। पर लता की आवाज बहुत पतली होने के कारण उन्हें काम नही मिलता था। सषी धर सही नाम का एक फिल्म बना रहे थे जिसमे उन्हे यह कहा कर रिजेक कर दिया गाय की आपकी आवाज बहुत पतली है और अभिनेत्री कामिनी पर करेगी। तब हैदर साहेब ने कहा की परेशान मत हो आने वाली कुछ साल बाद सारे प्रोड्यूसर और डायरेक्टर तुम से गाना गवाने की भीख मांगेंगे।
उसके बाद हैदर साहेब ने उनके फिल्म में एक गाना “दिल मेरा तोड़ा किसी का न छोर है तेरे प्यार ने” गाने का मौका मिला। इस गाने के बाद उन्हे काफी फिल्मों में गाने का ऑफर आने लगा। और फिल्म इंडस्ट्री में पहचान बनाने लगी।
फिर उस समय के सुपरस्टार दिलीप कुमार की फिल्म में गाने के लिए गायक अनिल विश्वास ने उन्हें मुंबई बुलाए। जब उनका मुलाकात दिलीप कुमार से हुए तो उनका नाम सुनकर दिलीप जी ने कुछ एसा बोले की सुनकर गुस्सा हो गई। मोहमद सफी के पास गई और बोली मुझे उर्दू देखना।
किया बात है इतनी प्रेषण लग रही हो तो उन्होंने बता की दिलीप जी ने हमे कहा की मराठी गायकों की मुंह से उर्दू मानो दल भात की महक आती है, ये किया जाने उर्दू की पगहर। फिर उन्होंने ने उर्दू सीखी। 1949 में लता की “महल” फिल्म का एक गाना “आएगा आनेवाला” गाने का मौका और यह गाना प्रसिद्ध अभिनेत्री मधुबाला पर फिल्माया गया था जो लता जी का पहला सबसे हिट सॉन्ग बना। और तब से वे पीछे मुड़कर कभी नही दिखा। उस समय उनका उम्र 21-22 की थी तब वे दिन में 6-8 गाने प्रतिदिन गया करती थी। और अभी तक उन्होंने लगभग 30 हजार से भी अधिक गाना गा चुकी है।
लता मंगेशकर का पुरस्कार और सम्मान(Lata Mangeshkar Awards and Honors)
पुरस्कार /सम्मान | वर्ष |
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फिल्म फेयर पुरस्कार | 1958, 1962, 1965 और1969 |
राष्ट्रीय अवार्ड | 1972,1990 और 1995 |
महाराष्ट्र सरकार अवार्ड | 1966 और 1967 |
पद्मभूषण सम्मान | ईo 1969 |
दुनिया में सबसे अधिक गाना गाने का रिकॉर्ड | ईo 1974 |
दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड | ईo 1989 |
फिल्मफेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार | ईo 1993 |
स्क्रीन ऑफ लाइव टाइम अचीवमेंट अवार्ड | ईo 1996 |
राजीव गांधी पुरस्कार | ईo 1997 |
एन. टी. आर. अवॉर्ड | ईo 1999 |
पद्म विभूषण सम्मान | ईo 1999 |
ज़ी सिने लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड | ईo 1999 |
आई. आई. ए. एफ. लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड | ईo 2000 |
स्टारडस्ट लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड | ईo 2001 |
भारत रत्न | ईo 2001 |
नूरजहां पुरस्कार | ईo 2001 |
महाराष्ट्र भूषण | ईo 2001 |
लता मगेश्कर को मरने की साजिश (Conspiracy to kill Lata Mageshkar)
1962 में लता मंगेशकर को मरने की कोशिश किया गया। यह पता तब चला जब लता जी बीमार पड़ी और हॉस्पिटल में इलाज कराने गई। तो डॉक्टर नए बताया कि उन्हें कोई स्लोपोइजेन से रहा था। कहा जाता है की इस काम का अंजाम उनके घर के रसोइया दे रहा था। यह जमीन के बाद रसोइया फरार हो गया। हालाकि अभी तक यह पता नही चला है किसने मरने की कोशिश किया था।
लता मंगेशकर की पसंदीदा(Lata Mangeshkar Favorites)
भोजन | मसालेदार भोजन |
राजनीतिज्ञ | अटल बिहारी बाजपे |
अभिनेता | दिलीप कुमार, देव आनंद और अमिताभ बच्चन |
अभिनेत्री | नरगिस और मीना कुमारी |
संगीतकार | के. एल सैगल |
फिल्म | किस्मत 1943) |
खेल | क्रिकेट |
क्रिकेटर | सचिन तेंदुलकर |
स्थान | लॉस एंजेलिस |
लता मंगेशकर प्रमुख जानकारियां(Lata Mangeshkar key information)
लता मंगेशकर एक पढ़ने के लिए स्कूल गई जहां वह अपनी छोटी बहन को भी गोद में लेकर गई, कल से तुम बहन को लेकर मत आना। इस बात से उन्हें गुस्सा आगया और मां से जाकर कही मैं कभी स्कूल नही जाऊंगी।और तब उनकी पढ़ाई लिखाई घर में ही हुआ।
लता मंगेशकर ने सादी नही की है। उनका कहां ही की मेरे भाई बहन को बेटा बेटी है किया वो मेरी बेटी या बेटा नहीं है।
लता जी के पिता जी दीनानाथ मंगेशकर शास्त्री संगीत के गायक थे।
1942 में लता ने अपना पहला गाना एक मराठी फिल्म “किती हसाल” में एक गाना की थी।
लता को फिल्मों में सबसे बड़ा ब्रेक फिल्म महल के के गाने “आयेगा आनेवाला” से मिला।
लता मंगेसकर 20 से भी अधिक भाषाओं में गाना गा चुकी है और लगभग 30 हजार से भी अधिक गाने गा चुकी है। वे हमें गाना रिकॉर्ड करते समय नंगे पैर रिकॉर्ड करती। 1980 से फिल्मों गाना कामकरदी।
लता मंगेशकर मात्र एक ऐसे वेक्ति थी जिनके जीतेजी उनके नाम से प्रुस्कर दिया जाता है।
स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन, Lata Mangeshkar death
स्वर कोकिला के नाम से मशहूर गाय का और पूरे विश्व भर में इंडियन नाइटेंगल के नाम से प्रसिद्ध लता मंगेशकर का निधन 6 फरवरी 2022 पूरे देश को अलविदा कह गई। इससे पहले कई दिनोंसे निमोनिया और करोना से संक्रमित का इलाज चल रहा था, और वो ठीक भी गई थी। पर उसके बाद उनका तबीयत कुछ ज्यादा खराब होने लगा इसलिए उन्हें 8 जनवरी 2022 को मुंबई के ब्रींच कैंडी अस्पताल में भर्ती किया गया।
29 दिनों तक उनका इलाज चला और अंत 6 फरवरी 2022 को उनका निधन हो गया। लता दीदी को साधांजलि देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान, अमीर खान, श्रद्धा कपूर, रणबीर कपूर, रवि किशन, जावेद अख्तर और कई सारे बॉलीवुड स्टार लता दीदी को सार्धांजलि दिन केलिए पहुंचे थे।लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार मुंबई के शिवाजी पार्क में 6:30 बजे साम को उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया