प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंद्रा गांधी की जीवनी परिचय |Indira Gandhi Biography in Hindi

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आज हम उस राजनेता के बारे में बात करने जा रहे है, जो भारत के चौथी और प्रथम महिला प्रधान मंत्री थी। वह एक ऐसी महिला थी जो सिर्फ भारत के राजनेतिक में पूरे अपना छप छोरी थी. इसलिए उन्हें लौह महिला के नाम से भी जाना जाता है. इन्हीं के सासन में ही एकमात्र आपातकालीन लागू किया गया और सभी राजनेतिक प्रतिद्वंदी जेल भेजा गया. भारतीय संविधान के मूल स्वरूप का संशोधन जितना उनके कार्यकाल में किया गया उतना कभी नहीं किया हुआ।

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इंदिरा गाँधी की जीवनी ( Indira Gandhi biography in Hindi)

संक्षिप्त परिचय

नाम 

इंद्रा गांधी 

उपनामलौह महिला

पेश

राजनेतज्ञ

प्रसिद्धि

प्रधानमंत्री के रूप

जन्म

19 नवंबर 1917

जन्म स्थान 

इलाहबाद,उत्तर प्रदेश

उम्र

67 वर्ष (मृत्यु के समय)

स्कूल

पुणे विश्वविद्यालय

कॉलेज

सांतिनिकेतन में विश्व भारतीय विश्वविद्यालय

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय

सोमरविल कॉलेज ऑक्सफोर्ड

वैवाहिक स्थिति

विवाहित

पति

फ़िरोज़ गांधी

नागरिकता

भारतीय

धर्म

हिंदू

जाति 

पंडित

गृनगर

इलाहबाद,उत्तर प्रदेश

इंदिरा गाँधी जन्म और प्रारंभिक जीवन (Indira Gandhi Birth and early life)

19 नवंबर 1917 को इंद्रा गांधी का जन्म हमारे देश के स्वतंत्रता संग्राम में योग देने वाले मोती लाल नेहरू के परिवार में हुए था. बचपन का नाम “इंद्रा प्रेदर्शनी” था. इनके दादा जी का नाम मोती लाल नेहरू और पिता जी का नाम पंडित जबहारलाल नेहरू जो दोनो एक वकील थे और स्वतंत्रता संग्राम में भी इनका बहुत योगदान रहा था.

इंद्रा गांधी मां का नाम कमला नेहरू है. इनका परिवार पहले से ही आर्थिक एवं बौद्धिक दोनो से बहुत संपन्न थे. यह जबाहरलाल नेहरू की एकलौती संतान थी. अपने पिता के बाद इंदिरा गांधी दूसरा सर्वाधिक आर्यकाल के लिए कार्यरत रहने वाले प्रधानमंत्री है.

इंद्रा गांधी पर बचपन से देश भक्ति का काफी प्रभाव रहा, जब भारत के राष्ट्रवादी आंदोलन में विदेशी उत्पादों का बहिष्कार क्या जा रहा था. उन्होंने भी राष्ट्रवाद आंदोलन में भाग लिया और उनके पास एक प्यारी सी गुड़िया थी, जो वह भी विदेशी ही था इसलिए उन्होंने फैसला किया की हम इस गुड़िया को जला देंगे. इस समय व मात्र 5 वर्ष की थी.

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इंदिरा गांधी का वानर सेना (Indira Gandhi vanar Sena)

इंदिरा गांधी जब 12 साल की थी, उन्होंने कुछ बच्चों को लेकर एक वानर सेना बनाएं, उसका नाम बंदर ब्रिगेड रखा गया. और इंदिरा गांधी ने स्वयं सेना का नेतृत्व किया. जिसने हिंदू महाकाव्य रामायण में भगवान राम की सहायता की थी. उन्होंने भी उसे चढ़ा बच्चों को लेकर बंदर सेना बनाइए, और उन्होंने बच्चों के साथ मिलकर भारत के स्वतंत्रता संग्राम के में महत्वपूर्ण भूमिका निवाई थे. कुछ दिन बाद इस सेना में 60,000 युवा क्रांतिकारियों को शामिल किया गया. ब्रिटिश शासन के कारण सब काटना बहुत ही जोक सिंह का काम था पर इंदिरा गांधी ने यह सब किया और स्वतंत्रता आंदोलन में भाग ली.

इंदिरा गाँधी की शिक्षा (Indira Gandhi Education)

1935 मैं इंदिरा गांधी मैट्रिक की परीक्षा पुणे विश्वविद्यालय से पास की. स्कूल के शिक्षा पूर्ण होने के बाद उन्होंने सांतिनिकेतन में विश्व भारतीय विश्वविद्यालय में प्रवेश ली. इस विश्वविद्यालय को रवींद्रनाथ टाइगर के द्वारा निर्माण किया था. विश्व विद्यालय की पढ़ाई करने के पश्चात वह इंग्लैंड चली गई, इंग्लैंड जाने के बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में प्रवेश की लेकिन ऑक्सफोर्ड प्रवेश परीक्षा में वह सफल नहीं रही, कुछ महीने बाद उन्होंने ब्रिस्टल स्केल के बैडमिंटन स्कूल की प्रवेश परीक्षा में सफल रही. उसके बाद उन्होंने सोमरविल कॉलेज ऑक्सफोर्ड में नामांकन करवाई

1936 में इंदिरा गांधी के मां कलाम नेहरू को एकदम भी तुम्हारी हो गई थी, पढ़ाई के दिनों में ही इंदिरा गांधी स्विजरलैंड आकर अपने बीमार माता के साथ कुछ दिन बिताए. जब उसकी मां कमला नेहरू बीमार थी उस समय जवाहरलाल नेहरू भारतीय जेल में थे। 

इंद्रा गांधी का परिवार (Indira Gandhi Family)

पिता (Father)

जवाहरलाल नेहरु

माता (Mother)

कमला नेहरु

पति (Husband)

फ़िरोज़ गांधी

पुत्र (Sons)

राजीव गांधी और संजय गांधी

पुत्र वधुएँ (Son-in-law)

सोनिया गांधी और मेनका गांधी

पौत्र (Grand sons)

राहुल गांधी और वरुण गांधी

पौत्री (Grand daughter)

प्रियंका गांधी 

इंद्रा गांधी का विवाह और पारिवारिक जीवन (Indra Gandhi Marriage & Family Life)

इंदिरा जब इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी के सदस्य बनी, तब उनकी मुलाकात फिरोज गांधी से हुआ. फिरोज गांधी उस समय एक पत्रकार से और यूथ कांग्रेस के प्रमुख सदस्य थे. 1940 में इंदिरा ने अपने पिता जवाहरलाल नेहरू के मना करने के बावजूद भी इंदिरा ने फिरोज गांधी से विवाह कर ली थी.

इंदिरा और फिरोज गांधी का विवाह तो हुआ था! फिरोज गांधी और महात्मा गांधी कोई भी रिश्ता नहीं था. सिर्फ वे दोनों स्वतंत्रता संग्राम में साथ थे, फिरोज गांधी एक तो एक पारसी था. जबकि इंदिरा एक हिंदू परिवार से थी. उस समय अलग-अलग जातियों में विवाह करना इतना आसान नहीं था. धरासर इस जोड़ी को लोग नापसंद कर रहे थे. परंतु महात्मा गांधी इस जोड़ी को खुलकर समर्थन दिया और उन्होंने सार्वजनिक बयान दिया, जिसमें मीडिया से विनती भी शामिल थी. कहा जाता है कि राजनीतिक छवि बनाए रखने के लिए महात्मा गांधी ने इंदिरा और फिरोज को “गांधी” का टाइटल लगाने के लिए कहे थे.

हमारे देश की स्वतंत्रता के बाद इंदिरा गांधी के पिता जवाहर लाल नेहरू पहले प्रधानमंत्री बने थे, उस समय इंदिरा और अपने दोनो बेटे को लेकर अपने पिताजी के साथ दिल्ली चली गई. पर फिरोज गांधी इलाहाबाद में ही रुक गए थे, क्योंकि वह दी नेशनल हेरल्ड में एडिटर का काम कर रहा था, इस न्यूज़ को इंदिरा गांधी के मोतीलाल नेहरू ने शुरू किया था।

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इंदिरा का राजनीतिक करियर (Indra Gandhi Political Career)

इंदिरा गांधी ऐसे भी एक राजनीतिक परिवार से बिलॉन्ग करती थी इसलिए इंदिरा गांधी को राजनीतिक में आना कोई ज्यादा मुश्किल और आश्चर्यजनक नहीं था.

 इंदिरा गांधी ने 1951-52 में अपने पति फिरोज गांधी के लिए उन्होंने बहुत सी चुनाव में सभा आयोजित की और उस चुनाव अभियान का नेतृत्व किया. उस वक्त फिरोज गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ रहे थे. जल्द ही सरकार के भ्रष्टाचार के विरोध फिरोज खान एक बड़ा चेहरा बन गया, उन्होंने बहुत सारे सरकार भ्रष्टाचार भ्रष्टाचारियों का का असलियत सामने लाया. जिसमें मुख्य बीमा कंपनी और वित्त मंत्री कृष्णा मचारी का नाम शामिल था. परंतु 8 दिसंबर 1960 को हृदयाघात के कारण फिरोज गांधी का मृत्यु होगी गया.

इंद्रा गांधी कांग्रेस प्रेसिडेंट के रूप में (Indira Gandhi as Congress President)

1969 में इंदिरा गांधी को इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी के प्रेसिडेंट के रूप में नियुक्त किया था. 27 मई 1964 को जवाहरलाल नेहरू की निधन के बाद इंदिरा गांधी ने चुनाव लड़ने का फैसला किया और वह इस चुनाव में जीत भी गई. 

इंद्रा गांधी प्रधानमंत्री के रूप में ( Indra Gandhi As Prime Minister of India)

चार बार भारत के प्रधानमंत्री रही है, इंदिरा गांधी लगातार तीन बार 1966-1977 और फिर चौथी बार 1980-1984तक

1966 मैं भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की निधन के बाद श्रीमती इंदिरा गांधी भारत के राष्ट्रपति चुनी गई थी.

1967 में इंदिरा गांधी बहुत ही कम बहुमत से भारत के प्रधानमंत्री बनी थी.

1971 में शेर उन्होंने भारी बहुमत से जीत कर प्रधानमंत्री बनी.

1980 में शेर एक बार फिर इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बने और 1984 तक पद पर रही.

11 जनवरी 1966 को इंदिरा गांधी भारत के प्रधानमंत्री बनी. प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने 1969 में श्याम प्रेमियों तेल कंपनियों और चार्जर भारत के सबसे बड़े बैंक को राष्ट्रीयकरण के प्रस्ताव को पास करवाना था. 1947 में भारत के पहले भूमिगत विस्फोट परमाणु का नेतृत्व किया.

इंदिरा गांधी ने पार्टी और देश में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए लोकसभा को भंग कर 1971में मध्यावधि चुनो की घोषण की. हॉट 518 सीटे में से 352 सिटी कांग्रेस को मिली. जब इंदिरा गांधी की स्थिति देश में मजबूत हो गई तब इंदिरा गांधी सुशांत फैसले के लिए आजाद कर दी.

भारत-पकिस्तान युद्ध 1971 में इंदिरा गाँधी की भूमिका (India-Pakistan War in 1971)

1971 मैं जब बांग्लादेश के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान में युद्ध छिड़ा और पहले की तरह इस बार भी पाकिस्तानियों को हार का मुंह देखना पड़ा. 13 दिसंबर को हमारे देश की सेना ने ढाका शहर को सभी दिशाओं से घेर लिया और 16 दिसंबर को जनरल नियाजी ने 93000 पाकिस्तानी सेनानियों के साथ अपना हथियार डाल दिया. उसके बाद पाकिस्तान के दूसरे प्रधानमंत्री बने और उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समक्ष शांति प्रस्ताव रखा और इंदिरा गांधी ने स्वीकार कर लिया और दोनों देशों के बीच शिमला समझौता हो गया।

आपातकाल (1975–1977)

इंदिरा गांधी हमारे देश के विभिन्न क्षेत्रों का विकास के लिए कार्यक्रम लागू करने की कोशिश कर रही थी पर देश के अंदर एक नई समस्या, महंगाई बढ़ रही थी. पाकिस्तान और इंडिया के बीच युद्ध के कारण यह आर्थिक स्थिति पर हुई थी. इस बीच सूखा और अकाल ने इसे और गंभीर बना दिया और इस कारण सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया गया था.

सरकार महंगाई की समस्या से सोच ही रहे थे कि स्पीच उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने इंदिरा गांधी के चुनाव पर एक मूकदम दर्ज किया. उनका चुनाव रद्द कर दिया गया और उन्हें 6 वर्षों के लिए चुनाव लड़ने से प्रतिबंध लगा दिया गया. इंदिरा गांधी ने सर्वोच्च न्यायालय में इस फैसले के खिलाफ अपील दर्जी कया. उसके बाद 26 जून 1975 को सुबह देश में आपातकालीन की घोषणा कर दी गई और उसमें जयप्रकाश नारायण, मोरारजी देसाई, और हजारों छोटे-बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. के बाद सरकार ने अखबार रेडियो और टीवी पर संसद लगा दिया गया और मौलिक अधिकार को भी लगभग समाप्त कर दिया जाए.

जनवरी 1970 में इंदिरा गांधी ने लोकसभा चुनाव कराए जाने की घोषणा की और और इसके साथ उन्होंने राजनीतिक कैदियों को आजाद किया गया मीडिया और अखबार बालों को फिर से स्वतंत्र कर दिया गया.

सैयद इंदिरा गांधी की स्थिति ठीक नहीं हो पाई थी. जनता का समर्थन विपक्ष जनता पार्टी को मिलने लगा था और उसके सहयोगी दलों को 542 में से 530 सीटें प्राप्त हुआ और इंदिरा गांधी को मात्र 154 सीट प्राप्त हुआ

 23 मार्च 1977 को भारतीय जनता पार्टी का सरकार बना. आंतरिक कला और मतभेद के कारण यह पार्टी 1979 में सरकार गिर गई

जनता पार्टी का सरकार गिरने का आरोप इंदिरा गांधी पर लगाया. गया और उन पर काफी कमीशन जांच भी नियुक्त किया गया. और इंदिरा गांधी को कुछ दिन जेल में रहना पड़ा

एक तरफ जनता पार्टी सरकार के आंतरिक कलह के कारण उनका मोर्चा विफल हो रही थी दूसरी ओर इंदिरा गांधी के साथ हो रहे गलत व्यवहार के कारण जनता को इंदिरा गांधी पर सहानुभूति पढ़ रही थी

जनता पार्टी सरकार चलाने में असमर्थ रहे और मध्यावधि चुनाव को झेलना पड़ा था. इंदिरा गांधी ने आपातकालीन के लिए जनता से क्षमा याचना मांगी जिसके परिणाम स्वरूप उनके पार्टी को 592 में से 353 सीट प्राप्त हुए और इंदिरा गांधी फिर से प्रधानमंत्री बन गई।

इंद्रा गांधी का ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार और हत्या (Operation Blue Star and assassination of Indira Gandhi)

भिंडरावाले को ऐसा लग रहा था की पंजाब का अलग अस्तित्व बना देगा स्थिति बहुत गंभीर हो गई थी और ऐसा लग रहा था कि नियंत्रण केंद्र सरकार के हाथों से निकलता जा रहा है, भिंडरावाले को ऐसा लग रहा था कि हथियार के बल पर हम अलग अस्तित्व बना सकते हैं

 सितंबर 1981में भिंडरावाले का आतंकी समूह हरि मंदिर साहिब परिसर के वेदर तैनात हो गए. इंदिरा गांधी ने आतंकवादियों का सफाया करने का प्रयास से धर्म स्थल में प्रवेश करने का आदेश दिया. इस कार्यवाही में हजारों लोगों का जान गया और सिख समुदाय के लोग इंदिरा गांधी के विरोध काफी आक्रोश था

ऑपरेशन ब्लू स्टार आरंभ होने के 5 महीने बाद 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी को दो अंग रक्षोको ने गोली मारकर हत्या कर दी।

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