कैसे जान लेते मन की बात महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जीवनी| Dhirendra Krishna Shastri Biography in hindi

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महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक ऐसे सन्यासी वेक्ति है, जो बिना बताए आपके मन की बात को बता देते है। इसलिए कुछ लोगो इन्हें चमत्कारी महाराज कहते है, तो कुछ का मानना है की हनुमान जी का अवतार है, इसलिए यह ऐसा कर पाते है।

इनके इस चटकार से पूरा देश हीं नहीं बल्कि पूरी दुनिया हैरान है। और हाल ही नागपुर में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया गया है, जिसमें कुछ लोग उनके पक्ष और कुछ विपक्ष में अपने बयान दे रहे हैं। तो आइए हम इनके जीवन के बारे में विस्तार से जाने महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कौन है।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जीवनी परिचय | Dhirendra Krishna Shastri Biography in hindi

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जीवनी परिचय (Dhirendra Krishna Shastri Biography in hindi)

संक्षिप्त परिचय

पूरा नाम (Full Name)श्री धीरेंद्र कृष्ण जी
उपनाम (Nick Name)बागेश्वर धाम महाराज
प्रसिद्ध नाम (Famous Name)बालाजी महाराज,बागेश्वर महाराज 
एवं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
जन्म-तिथि (Date of Birth)4 जुलाई 1996
AA -स्थान (Birth Place)गड़ा, छतरपुर, मध्य प्रदेश
वैवाहिक स्थिति (Marital Status)अविवाहित
प्रमुख मित्र(Friends)शेख मुबारक एवं राजाराम
शैक्षिक योग्यता(Educational Qualifications)कला वर्ग में स्नातक (B.A)
बोलचाल की भाषा(Language Known)बुंदेली, संस्कृत, हिंदी एवं अंग्रेजी
व्यवसाय(Profession)सनातन धर्म प्रचारक, कथावाचक, दिव्य दरबार,
प्रमुख बागेश्वर धाम, यूट्यूबर
गुरु(Guru)श्री दादा जी महाराज सन्यासी बाबा
बागेश्वर धाम(Bageshwar Dham)गड़ा गंज, छतरपुर, मध्य प्रदेश
मंदिर(Devotee of)श्री बालाजी हनुमान को समर्पित
इनकम (Income)₹8000 + प्रतिदिन
₹3.5 लाख प्रतिमाह
₹40 लाख प्रतिवर्ष
नेट-वर्थ(Net-Worth)₹19.5 करोड़

धीरेंद्र शास्त्री का जन्म प्रारंभिक जीवन (Pandit Dhirendra Krishna Shastri birth and early life)

धीरेंद्र शास्त्री का जन्म 4 जुलाई 1996 को मध्यप्रदेश में छतरपुर जिला के गड़ागंज गांव में एक गरीब हिंदू परिवार में हुआ था। उनके पिताजी का नाम रामकृपाल गर्ग जो कोई कार्य नहीं करते थे और नशे के आदी थे। उनके माता जी का नाम स्वरोज गर्ग जो एक गृहणी है। एक छोटा भाई है जिसका नाम शालिग्राम गर्ग और एक बहन भी है। उनके दादाजी का नाम पंडित भगवान दास गर्ग ( सेतु लाल) है।

उनका पूरा परिवार आज भी उसी गांव में रहता है। जहां पर बागेश्वर धाम का प्राचीन मंदिर स्थित था। के दादा जी चित्रकूट के निर्मोही अखाड़ा से दीक्षा प्राप्त किए थे। उसके बाद अपने गांव पहुंचे और बागेश्वर धाम मंदिर का जीर्णोद्धरा करवाया था। यहीं पर उनके दादाजी भी दरबार लगाया करते थे।

धीरेंद्र शास्त्री के पिता जी को नशे के आदी होने के कारण वह कुछ नहीं कहते थे। जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब था। कई दिनों तक उनके घर में खाना का अभाव रहता था। घर के नाम पर रहने के लिए एक छोटा सा कच्छ मकान था। जो बारिश के समय में टपकता था। बस जैसे-तैसे उनका जीवन किसी तरह से चल रहा था। इसे बागेश्वर धाम का आशीर्वाद कहिए या फिर किस्मत का खेल, जो इतनी कम उम्र में एक शानदार मुकाम हासिल कर लिए हैं।

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी का शिक्षा (Pandit Dhirendra Krishna Shastri education)

धीरेंद्र शास्त्री जी ने अपने प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव के मध्य विद्यालय सरकारी स्कूल से 8वीं तक की पढ़ाई पूरी किए थे। उसके बाद उन्हें आगे की शिक्षा प्राप्त करने के लिए। अपने गांव से 5 किलोमीटर दूर गंज गांव में जाना परता था।

इसी बीच उन्होंने हनुमान जी का पूजा करना शुरू कर दिया, जिससे उन्हें अद्वितीय शक्ति प्राप्त हुआ। उसी गंज गांव से उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की।

फिर उसके बाद उन्होंने ग्रेजुएशन में दाखिला लिया। पर नियमित रूप से पढ़ाई करना उनके लिए मुश्किल था इसलिए उन्होंने ग्रेजुएशन बीच में ही छोड़ दिए। उसके बाद मानव सेवा में लग गया और फिर अपने पूर्वजों के मार्गदर्शन को अपना कर्तव्य समझकर कल्याणकारी कार्य करने लगे।

पंडित धीरेंद्र शास्त्री का परिवार (Pandit Dhirendra Shastri family)

दादा जी का नाम (grand father’s name) पंडित भगवान दास गर्ग ( सेतु लाल)
पिता का नाम (father’s name) रामकृपाल गर्ग
माता का नाम (mother’s name)स्वरोज गर्ग
भाई का नाम (brother’s name)शालिग्राम गर्ग
बहन का नाम (sister’s name)एक बहन है

बागेश्वर धाम में अर्जी लगाने का तरीका (How to apply in Arji Bageshwar dham)

बागेश्वर धाम में अर्जी लगाने वाले श्रद्धालुओं को सर्वप्रथम रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है। यहीं से आपको टोकन मिलता है, कुछ जानकारियां देनी होती है, जैसे कि श्रद्धालु का नाम, स्थान और मोबाइल नंबर होता है। उसके बाद फरियाद के लिए बालाजी और महादेव शिव को अर्जी लगानी होती है।

मंदिर के अंदर हजारों की संख्या में लाल और रंग के पोटली बांधी हुई रहती है। फरियाद मांगने वाले व्यक्ति वहीं पर लाल और काले रंग के कपड़े में नारियल बांधकर अपने मन की समस्या को दोहराते हुए पोटली को बांध देते हैं। इसमें लाल रन के पोटली को अन्य सभी समस्याओं के लिए बांधते है। और काले रंग के पोटली को भुत, प्रेत और काली छाया के लिए बंधा जाता है।

और वही महादेव और बालाजी के मंदिर फरियाद लगाने वाले 21 बार परिक्रमा करते हैं, इस बीच अपनी समस्या को लगातार दोहराते रहते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस स्थान पर बागेश्वर धाम की सभी अलौकिक शक्तियां निवास करती है। इसी स्थान पर तीन संतों की समाधि स्थित है जो बागेश्वर सरकार के गुरु हैं। जिनका शक्ति आज भी इस स्थान पर समाहित है। यहां पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते रहते हैं, लेकिन मुख्य रूप से मंगलवार और शनिवार को ज्यादा रहता है।

पंडित धीरद्र कृष्ण शास्त्रीका अवॉर्ड (Pandit Dhirendra Krishna Shastri aword)

  • संत शिरोमणि
  • वर्ल्ड बुक ऑफ लंदन
  • वर्ल्ड बुक ऑफ यूरोप

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का मूल वचन (Pandit Dhirendra Krishna Shastri original word)

आदि कोई विद्यार्थी अपने माता पिता और गुरु को प्रणाम करता है। उसकी आयु, विद्या और यश बढ़ा जाता है।
दुख का झूला, जितना पीछे तक जाएगा। सुख का झूला उतना हीं आगे तक पहुंचेगा। जिंदगी का झूला जितना पीछे खींच जाता है, वो उतना हीं आगे तक जाता है।
सभी वेक्ति के मानव जीवन में, अभाव की बहुत ही आवश्यक होती है। जिसके पास अभाव नहीं होगा वो प्रभाव के महतो को नहीं समझ पाएगा। और अभाव ग्रस्त वेक्ति को समझना बहुत कठिन है।
जितना भजन बाव में हो सकता है, उतना प्रभाव में नहीं है।

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पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की रोचक जानकारियां (Pandit Dhirendra Krishna Shastri intresting fect)

  • इस देश में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में बागेश्वर धाम सरकार को मानने वाले बहुत बड़ी संख्या में मौजूद है। और बागेश्वर धाम के कथा वाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को हनुमान जी का अवतार मानते हैं।
  • करीब आज से 300 वर्ष पहले बागेश्वर धाम के सन्यासी बाबा जन कल्याण के लिए स्थापित किया।
  • इस मंदिर में धीरेंद्र शास्त्री के परिवार  पिछले तीन-चार पीढियां पुजारी के रूप में काम कर रहे है। और इस मंदिर का पुनर्निर्माण इनके दादा जी भगवान दास गर्ग ने किया था।
  • 9 वर्ष की आयु से बागेश्वर धाम की पूजा करने लगे और 2003 से वे दिव्या देवर लगाने लगे।
  • इस धाम पर मंगलवार और शनिवार को लाखो में श्रद्धालु एक जुट होते है।

FAQ:-

Q. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के गुरु कौन हैं?

धीरेंद्र महाराज के आध्यात्मिक गुरु उनके दादा जी पंडित भगवान दास गर्ग ( सेतु लाल)

Q. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म कब और कहां हुआ?

धीरेंद्र शास्त्री का जन्म 4 जुलाई 1996 को मध्यप्रदेश में छतरपुर जिला के गड़ागंज गांव में हुआ था।

Q. बागेश्वर धाम का दरबार कब लगता है?

बाबा बागेश्वर धाम का दरबार मंगलवार और शनिवार को लगता है।

Q. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कितने साल के हैं?

धीरेंद्र शास्त्री का जन्म 4 जुलाई 1996 को हुआ था, इसके अनुसार उनका उम्र 27 वर्ष है।

Q. बागेश्वर धाम क्यों प्रसिद्ध है?

ऐसे ही धामों में एक बागेश्वर धाम सरकार भी है, जिससे हजारों-लाखों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। ये प्रसिद्ध धाम भगवान हनुमान जी का मंदिर है, जो मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में मौजूद है। ये एक बेहद ही पवित्र और खास तीर्थ जगह है, जहां भारी मात्रा में लोग अपनी परेशानियों को लेकर पहुंचते हैं।

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