ब्रिलियंट शतरंजी खिलाड़ी जिसने 18 वर्ष की उम्र में रचा इतिहास कौन हैं रमेशबाबू प्रज्ञानानंदा की जीवनी | Ramesh babu Praggnanandhaa Biography in Hindi

कौन हैं रमेशबाबू प्रज्ञानानंदा? (Ramesh babu Praggnanandhaa Biography in Hindi) प्रज्ञानानंदा रमेश बाबू का जीवन परिचय जन्म, उम्र, परिवार, करियर एवं पुरस्कार, प्रज्ञानानंद और कार्लसन (FIDE Chess World Cup 2023 Runner Up R Praggnanandhaa life story in Hindi, His Family, Career, Awards, Praggnanandhaa Age, IQ, World Ranking, Rating, Praggnanandhaa Vs Magnus Carlsen News, Praggnanandhaa Which Number Grandmaster of India, World’s second youngest Chess Grandmaster)

ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानान्धा कौन है: रमेश बाबू प्रज्ञानान्धा एक ऐसा नाम है जिसका भारत में अभी तक काफी कम लोगों को पता है, लेकिन आजकल वो विश्वस्तर पर एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन चुके हैं। उन्होंने अपने केवल 18 साल की उम्र में ‘चेस वर्ल्ड कप 2023’ के फाइनल मैच में भाग लिया है।

आपको यह जानकर ख़ुशी होगी कि उन्होंने ‘चेस वर्ल्ड कप 2023’ के मुकाबले में दुनिया के 3 नंबर खिलाड़ी और अमेरिकी ग्रैंडमास्टर फ़ाबियानो कारुआना को सेमीफाइनल में हराया। वे अब मैग्नस कार्लसन के साथ ‘चेस वर्ल्ड कप’ के फाइनल में खेल रहे हैं।

हालांकि, 22 अगस्त 2023 को हुए फाइनल मैच के पहले मैच में ड्रॉ हो गया था। दूसरे मैच में भी परिणाम नहीं आया और वो भी ड्रॉ हो गया। फिर, 24 अगस्त 2023 को उनका मुकाबला चमक चुका था – उन्होंने रैजिंग के साथ जीत हासिल की और चेस वर्ल्ड कप 2023 के विजेता बने।

यदि चेस वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल मैच में हारने के बावजूद, प्रज्ञानान्धा ने एक महत्वपूर्ण रिकॉर्ड बनाया है – वे सबसे कम उम्र के FIDE विश्व कप उपविजेता बन गए हैं। इससे वो भारतीय खिलाड़ी बने जिन्होंने इस उम्र में इतनी ऊँचाइयाँ छू ली हैं।

यह ख़बर भारत के लिए गर्व का स्त्रोत है और प्रज्ञानान्धा ने न केवल खुद को साबित किया है, बल्कि उन्होंने करोड़ों भारतवासियों के दिलों को भी जीत लिया है। उन्होंने साल 2005 में जब नॉकआउट फॉर्मेट की शुरुआत हुई थी, तब से पहले बार ‘चेस वर्ल्ड कप फाइनल’ में पहुंचने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने थे। लेकिन उन्होंने इस बार नया रिकॉर्ड बनाया है और सबसे कम उम्र के विश्व कप उपविजेता का गर्व भारत को दिलाया है। 

ब्रिलियंट शतरंजी खिलाड़ी जिसने 18 वर्ष की उम्र में रचा इतिहास कौन हैं रमेशबाबू प्रज्ञानानंदा की जीवनी | Ramesh babu Praggnanandhaa Biography in Hindi

रमेशबाबू प्रज्ञानानंदा की जीवनी (Ramesh babu Praggnanandhaa Biography in Hindi)

संक्षिप्त परिचय  

पूरा नाम (Full Name)रमेश बाबू प्रगनानंद
प्रसिद्धीयुवा ग्रैंडमास्टर
जन्म  (Date of Birth)10 अगस्त 2005
जन्म का स्थान (Birth Place)चेन्नई, तमिलनाडु, भारत
उम्र (Age)16 वर्ष (2022)
राष्ट्रीयता (Nationality)भारतीय
धर्म(Religion)हिंदू
कोच (Coach)शतरंज खिलाड़ी आर.बी रमेश , एम.ए वेलायुधम
पेशा (Occupation)शतरंज खिलाड़ी
लम्बाई (Height)4 फुट 6इंच
वजन (Weight)45 किग्रा
नेटवर्थ 1.5 Million
वर्ल्ड रैंकिंग (World Ranking)29th (अगस्त 2023)
Grandmaster (GM)2018
International Master (IM)2016
FIDE Master (FM)2013
FIDE रेटिंग2707 (2022)
पीक रेटिंग2618 (2021)
परिवार (Family Details)
पिता का नाम (Father’s Name)के.रमेश बाबू (बैंक अधिकारी)
मा का नाम (Mother’s Name)नागलक्ष्मी (ग्रहणी)
बहन (Sister)वैशाली रमेश बाबू (शतरंज खिलाड़ी)

रमेश बाबू प्रज्ञानान्दा कौन हैं?(Who is Ramesh Babu Praggnanandhaa)

रमेश बाबू प्रज्ञानान्दा एक भारतीय चेस ग्रैंडमास्टर हैं। वे तमिलनाडु राज्य की राजधानी चेन्नई में निवास करते हैं। उनके जीवन में 23 जून 2018 का दिन एक महत्वपूर्ण मोड़ था, क्योंकि उस दिन महज 12 साल 10 माह की उम्र में उन्होंने भारतीय चेस ग्रैंडमास्टर बनने का इतिहास रच दिया।

यह जानकर आपको खुशी होगी कि उनकी प्रेरणा उनकी बड़ी बहन आर वैशाली (R Vaishali) से मिली थी, जो खुद एक प्रमुख चेस खिलाड़ी हैं। 

रमेश बाबू प्रज्ञानान्दा का जीवन और प्रारंभिक जीवन (Ramesh babu Praggnanandhaa Birth and Early life)

रमेश बाबू प्रज्ञानान्दा 10 अगस्त सन 2005 को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में जन्मे थे। उनके पिता का नाम के. रमेश बाबू है और वे एक बैंक अधिकारी हैं, जबकि उनकी मां का नाम नगलक्ष्मी है और वे एक गृहिणी हैं। आर प्रज्ञानान्दा की बहन आर वैशाली भी एक चेस ग्रैंडमास्टर हैं। साल 2021 में, आर वैशाली ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मास्टर के रूप में अपनी पहचान बनाई। हालांकि साल 2018 में, उन्होंने पहले ही एक वूमन ग्रैंडमास्टर बनने का सम्मान प्राप्त किया था। 

6 साल की उम्र से के खेलना शुरू किया था

रमेश बाबू प्रज्ञानान्दा की यात्रा की शुरुआत महज 6 साल की उम्र से हो गई थी। उन्हें उनकी बड़ी बहन वैशाली ने चेस खेलने की प्रेरणा दी और उन्होंने छोटी उम्र में ही चेस खेलना आरंभ कर दिया। 

साल 2013 में, उन्होंने विश्व युवा चैम्पियनशिप अंडर-8 (World Youth Championship Under 8) का खिताब जीतकर सुर्खियों में आना शुरू किया। इस जीत के बाद, उन्होंने अपनी सफलता के मार्ग में कदम बढ़ते रहे और एक के बाद एक खिताब हासिल किया। साल 2015 में, उन्होंने विश्व युवा चैम्पियनशिप अंडर-10 का खिताब जीता। 

साल 2016 में, उन्होंने मात्र 10 साल 10 माह की उम्र में एक अंतरराष्ट्रीय मास्टर का दर्जा प्राप्त किया, जिससे वे विश्व के इतिहास में सबसे कम उम्र के अंतरराष्ट्रीय मास्टर बने। साल 2023 में, रमेश बाबू प्रज्ञानान्दा ने महज़ 18 साल की उम्र में FIDE वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल तक पहुँचकर महत्वपूर्ण कदम उठाया, जहाँ उन्होंने फाइनल मुकाबले में प्रतिस्थान प्राप्त किया। यद्यपि उन्होंने मैग्नस कार्लसन के खिलाफ हार जाई, तो भी उन्होंने सबसे कम उम्र में विश्व कप विजेता का खिताब अपने नाम किया। 

रमेश बाबू प्रज्ञानान्दा बनाम मैग्नस कार्लसन चेस वर्ल्ड कप 2023 

रमेश बाबू प्रज्ञानान्दा वर्तमान में मैग्नस कार्लसन के साथ FIDE Chess World Cup 2023 के फाइनल मुकाबले में खेल रहे हैं। फाइनल के पहले दो मुकाबलों में ड्रा हो चुके हैं और आज, 24 अगस्त 2023 को, FIDE World Cup 2023 के तीसरे फाइनल मुकाबले का आयोजन हो रहा है। 

अब तक के फाइनल मुकाबले में मैग्नस कार्लसन ने अपनी बढ़त को 1-0 से बढ़ा दिया है। हालांकि आखिरकार इस मुकाबले में आर प्रज्ञानानंदा को हार झेलनी पड़ी और मैग्नस कार्लसन फाइनल के विजेता बन गए। इसके बावजूद, आर प्रज्ञानानंदा ने इस मुकाबले में अपने करोड़ों भारतवासियों के दिलों को जीत लिया। 

उन्होंने मैग्नस कार्लसन के खिलाफ इस लड़ाई को एक विशेष लगन से लड़ने का साहस दिखाया और इससे वे सराहनीय बने। साल 2023 के इस विश्व कप में, रमेश बाबू प्रज्ञानान्दा ने अपने देश भारत का गर्व बढ़ाते हुए सबसे कम उम्र में चेस वर्ल्ड कप के उपविजेता का ताज़ा खिताब जीता।  

वर्ल्ड कप में फाइनल तक पहुँचने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बनकर उन्होंने इस युद्ध में शानदार प्रदर्शन किया। अगर आर प्रज्ञानान्दा इस बार फाइनल का खिताब जीत लेते हैं तो वे चेस वर्ल्ड कप जीतने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन जाएंगे। आजके इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको आर प्रज्ञानान्दा की जीवनी के बारे में जानकारी प्रदान की है। हमें आशा है कि आपको हमारा लेख पसंद आया होगा। 

प्रज्ञानानंद रमेशबाबू अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित

आपको जानकर खुशी होगी कि खेल जगत में अपनी उपलब्धियों के लिए प्रज्ञानान्दा को अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। सन 2022 में, भारतीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित खेल पुरस्कार समारोह में प्रज्ञानान्दा को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया। 

प्रज्ञानानंद रमेशबाबू की कुछ रोचक जानकारियां

  • – वर्ष 2013 में मात्र सात वर्ष की आयु में वर्ल्ड यूथ चेस चैम्पियनशिप का अंडर-8 खिताब जीतकर फीडे मास्टर की उपाधि हासिल की। 
  • – उन्होंने वर्ष 2015 में वर्ल्ड यूथ चेस चैम्पियनशिप का अंडर-10 खिताब भी जीता।
  • – वर्ष 2016 में प्रज्ञानानन्द 10 वर्ष, 10 माह और 19 दिन की उम्र में शतरंज के इतिहास के सबसे कम उम्र के ग्रैंड मास्टर बने।
  • – नवम्बर 2017 में विश्व जूनियर शतरंज चैम्पियनशिप में उन्होंने पहला ग्रैंडमास्टर नॉर्म हासिल किया।
  • – 17 अप्रेल 2018 को हैराक्लियोन फिशर मेमोरियल जीएम नॉर्म टूर्नामेंट में उन्होंने दूसरा ग्रैंडमास्टर नॉर्म अर्जित किया।
  • – 23 जून 2018 को प्रज्ञानान्द रमेशबाबू ने ग्रेडिने ओपन में लुका मोरोनी को हराकर तीसरा और अंतिम जीएम नॉर्म स्थान प्राप्त किया और ग्रैंडमास्टर बनने वाले विश्व के दूसरे सबसे कम उम्र के वेक्ति बन गए।

FAQ:

Q: रमेश बाबू प्रज्ञानानंदा कौन हैं?

Ans: रमेश बाबू प्रज्ञानानंदा एक भारतीय चेस ग्रैंडमास्टर प्लेयर हैं, जिन्होंने मात्र 16 वर्ष की छोटी आयु से चेस के कई अंतर्राष्ट्रीय खिताब विजेता रहे हैं। और सबसे कम उम्र के अंतर्राष्ट्रीय खिताब वेक्ती बने हैं।

Q: प्रज्ञानानंदा कहां के रहने वाले है?

Ans: चेन्नई, तमिलनाडु, भारत के रहने वाले है।

Q: प्रज्ञानानंदा फाइनल में किसे साथ खेल रहे हैं?

Ans: मैग्नस कार्लसन के साथ जो एक चेस के विश्व विजेता प्लेयर है

Q: प्रज्ञानानंदा ने अपना पहला विश्व खिताब कब जीता था?

Ans: उन्होंने अपना पहला विश्व खिताब 8 साल की उम्र में विश्व युवा चैंपियनशिप अंडर-8 में जीता था।

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