भारत की सबसे युवा और प्रेरणादायक निशानेबाज मनु भाकर | Manu Bhaker Biography in Hind

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Manu Bhaker Biography in Hind

भारतीय खेल जगत में कई नाम ऐसे हैं जिन्होंने बहुत कम उम्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है, लेकिन मनु भाकर (Manu Bhaker) का नाम उनमें सबसे अलग और प्रेरणादायक है। हरियाणा के झज्जर जिले के एक छोटे से गांव से निकलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन करने वाली मनु भाकर आज युवाओं के लिए एक मिसाल हैं।

मनु भाकर का जीवनी परिचय | Manu Bhaker Biography in Hindi

पूरा नाममनु भाकर
जन्मतिथि18 फरवरी 2002 (सोमवार)
उम्र (2025 के अनुसार)23 वर्ष
जन्मस्थानगोरिया गांव, झज्जर, हरियाणा, भारत
राष्ट्रीयताभारतीय
राशिकुंभ (Aquarius)
पेशाशूटर (निशानेबाज)
शिक्षाराजनीति विज्ञान में स्नातक
स्कूलयूनिवर्सल पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल, झज्जर
ऊंचाई5’ 4” (163 से.मी.)
वजन58 किलोग्राम
आंखों का रंगकाला
बालों का रंगकाला
कोचजसपाल राणा, रौनक पंडित
शूटिंग इवेंट्स10 मीटर एयर पिस्टल, 25 मीटर एयर पिस्टल
टीमभारत
प्रमुख रिकॉर्डसबसे कम उम्र की भारतीय महिला ISSF स्वर्ण विजेता
प्रमुख पदक15+ अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण, 1 रजत (युवा ओलंपिक)
पुरस्कारअर्जुन पुरस्कार (2020)
वैवाहिक स्थितिअविवाहित
माता-पितापिता – राम किशन भाकर (नेवी इंजीनियर) माता – सुमेधा भाकर (शिक्षिका)
भाईअखिल भाकर
शौकबंजी-जंपिंग, आइस-स्केटिंग, घुड़सवारी
पसंदीदा शूटरजसपाल राणा, हीना सिद्धू
पसंदीदा खानानमकीन चावल, गाजर का रायता, चूरमा
वाहन संग्रहहौंडा शाइन बाइक, क्रेटा कार
पालतू जानवरदो कुत्ते

मनु भाकर का प्रारंभिक जीवन और परिवार | Manu Bhaker Early Life & Family

मनु भाकर का जन्म 18 फरवरी 2002 को हरियाणा के झज्जर जिले के गोरिया गांव में हुआ। उनके पिता राम किशन भाकर मर्चेंट नेवी में चीफ इंजीनियर हैं, जबकि उनकी मां सुमेधा भाकर एक शिक्षिका हैं। उनका पालन-पोषण एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ, लेकिन उन्हें हमेशा अपने माता-पिता का भरपूर समर्थन मिला।

मनु भाकर का शिक्षा और शुरुआती खेल करियर | Manu Bhaker Education & Early playing career

मनु भाकर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा यूनिवर्सल पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल, झज्जर से प्राप्त की। उन्होंने राजनीति विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई की है।

बचपन से ही मनु का रुझान खेलों की ओर था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत क्रिकेट से की और वीरेंद्र सहवाग की अकादमी में ट्रेनिंग ली। इसके बाद उन्होंने बॉक्सिंग, किक-बॉक्सिंग, थांग-ता, जूडो जैसे विभिन्न खेलों में भी हाथ आजमाया, लेकिन अंत में उनकी मंज़िल बनी निशानेबाजी

मनु भाकर का निशानेबाजी की शुरुआत | Manu Bhaker Beginning of shooting

एक दिन जब मनु ने स्कूल के शूटिंग रेंज में पिस्तौल उठाई और सीधे 7.5 अंक का निशाना लगाया, तो उनके कोच दंग रह गए। ऐसा निशाना लगाने में आमतौर पर छह महीने से एक साल का समय लगता है। यहीं से उनके निशानेबाजी के सफर की शुरुआत हुई।

मनु भाकर करियर की पहली बड़ी सफलता | Manu Bhaker The first big career success

मनु को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहली सफलता वर्ष 2017 में मिली जब उन्होंने एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में रजत पदक जीता। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय खेलों (केरल, 2017) में 9 स्वर्ण पदक जीते और हीना सिद्धू जैसे दिग्गज खिलाड़ियों को हराया।

मनु भाकर का रिकॉर्ड्स और उपलब्धियां | Manu Bhaker Records & achievements

मुख्य रिकॉर्ड:

  • आईएसएसएफ विश्व कप 2018 में स्वर्ण पदक जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय महिला शूटर
  • राष्ट्रमंडल खेल 2018 (गोल्ड कोस्ट) में 240.9 अंक के साथ नया रिकॉर्ड बनाया।
  • युवा ओलंपिक 2018 (ब्यूनस आयर्स) में 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण पदक।
  • 2019 ISSF विश्व कप (चीन) में 244.7 अंक के साथ जूनियर वर्ल्ड रिकॉर्ड और स्वर्ण पदक।
  • 2020 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित।

जीते गए प्रमुख पदक:

गोल्ड मेडल:

  • 2018: ISSF विश्व कप, ग्वाडलजारा – 10 मीटर एयर पिस्टल
  • 2018: राष्ट्रमंडल खेल, गोल्ड कोस्ट – 10 मीटर एयर पिस्टल
  • 2018: युवा ओलंपिक, ब्यूनस आयर्स – 10 मीटर एयर पिस्टल
  • 2019: ISSF विश्व कप (नई दिल्ली, बीजिंग, म्यूनिख, रियो) – मिश्रित टीम
  • 2019: एशियाई शूटिंग चैंपियनशिप, दोहा – व्यक्तिगत व मिश्रित टीम

सिल्वर मेडल:

  • 2018: युवा ओलंपिक, मिश्रित टीम इवेंट

मनु भाकर का विवाद | Manu Bhaker Controversy

मनु भाकर का करियर विवादों से भी अछूता नहीं रहा। जनवरी 2019 में उन्होंने हरियाणा सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया, जब उन्हें 2 करोड़ का इनाम देने की बात कही गई थी। इसके अलावा, 2020 टोक्यो ओलंपिक से बाहर होने के बाद उन्होंने अपने कोच जसपाल राणा के रवैये को लेकर सार्वजनिक रूप से असंतोष जाहिर किया।

मनु भाकर की कोच और मार्गदर्शक |Manu Bhaker Coaches & mentors

मनु भाकर को उनके शूटिंग करियर में जसपाल राणा और रौनक पंडित जैसे कोच का मार्गदर्शन मिला। जसपाल राणा ने उन्हें तकनीकी मजबूती दी, तो रौनक पंडित ने रणनीतिक सोच को बेहतर बनाया।

पसंद-नापसंद

  • पसंदीदा शूटर: जसपाल राणा, हीना सिद्धू
  • पसंदीदा खाना: नमकीन चावल, गाजर का रायता, चूरमा
  • शौक: बंजी-जंपिंग, आइस-स्केटिंग, घुड़सवारी
  • वाहन: हौंडा शाइन बाइक, क्रेटा कार
  • पालतू जानवर: दो कुत्ते

मनु भाकर से जुड़े रोचक तथ्य | Manu Bhaker Some Intresting Fect

  • मनु ने शूटिंग से पहले बॉक्सिंग, जूडो और मार्शल आर्ट में भी भाग लिया।
  • उन्होंने एक बार बंजी-जंपिंग के दौरान बिना कोच के निर्देश के छलांग लगा दी थी।
  • उन्हें जानवरों से खास लगाव है और सोशल मीडिया पर अक्सर अपने कुत्तों की तस्वीरें साझा करती हैं।
  • उनके पिता को लगता है कि मनु एक दिन कुछ अलग करने के लिए खेल भी छोड़ सकती हैं क्योंकि वो “अलग टाइप की लड़की” हैं।

निष्कर्ष

मनु भाकर आज की युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा हैं। मेहनत, लगन और साहस के बल पर उन्होंने अपने लिए एक खास मुकाम हासिल किया है। कम उम्र में ही उन्होंने जो मुकाम पाया है, वह आने वाले समय में भारतीय खेल जगत के लिए नई उम्मीदों की किरण है।

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