
क्या आप जानना चाहते हैं कि एक छोटे शहर वाराणसी की लड़की कैसे बनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निजी सचिव?
निधि तिवारी (Nidhi Tewari)– एक ऐसा नाम जो आज भारत की प्रशासनिक दुनिया में एक नई प्रेरणा बन चुका है। 2013 में UPSC में 96वीं रैंक लाकर भारतीय विदेश सेवा (IFS) में शामिल हुई निधि ने अब देश के सबसे शक्तिशाली पदों में से एक – प्रधानमंत्री के निजी सचिव – की जिम्मेदारी संभाली है।
इस ब्लॉग में जानिए निधि तिवारी के जीवन की पूरी कहानी – उनका बचपन, शिक्षा, UPSC की तैयारी, विदेश मंत्रालय में सेवाएं, पीएमओ तक का सफर और उनकी सैलरी तक, सब कुछ विस्तार से।
निधि तिवारी का जीवनी परिचय | Nidhi TewariBiographyin Hindi
नाम | निधि तिवारी |
---|---|
जन्मस्थान | महमूरगंज, वाराणसी, उत्तर प्रदेश |
सेवा वर्ग | भारतीय विदेश सेवा (IFS) |
UPSC रैंक | 96वीं रैंक (साल 2013) |
बैच वर्ष | 2014 |
वर्तमान पद | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निजी सचिव |
सेवा प्रारंभ | विदेश मंत्रालय में अवर सचिव |
PMO में नियुक्ति | 2022 (अवर सचिव), 2023 (उप सचिव), 2025 (निजी सचिव) |
महत्वपूर्ण भूमिका | विदेश और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में योगदान |
सैलरी (अनुमानित) | ₹2 लाख प्रति माह (लेवल 14 पे मैट्रिक्स के अनुसार) |
नेट वर्थ | लगभग ₹40 लाख (अनुमानित) |
सम्मान | IFS ट्रेनिंग में ‘बेस्ट ऑफिसर ट्रेनी’ गोल्ड मेडल |
स्थायी पता | वाराणसी, उत्तर प्रदेश |
पूर्व पद | सहायक आयुक्त, वाराणसी |
वाराणसी की बेटी – निधि तिवारी का प्रारंभिक जीवन
निधि तिवारी उत्तर प्रदेश के वाराणसी के महमूरगंज इलाके की रहने वाली हैं। गंगा किनारे बसे इस प्राचीन शहर में उनका बचपन बीता, जहाँ से उन्होंने अपने जीवन के मूल्य सीखे। एक मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाली निधि बचपन से ही पढ़ाई में तेज और सामाजिक सरोकारों के प्रति सजग रहीं।
उनका सपना था – देश के लिए कुछ बड़ा करना। और यहीं से शुरू हुआ सिविल सेवा की ओर उनका सफर।
UPSC में शानदार प्रदर्शन – IFS तक का सफर
निधि ने 2013 की UPSC सिविल सेवा परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर 96वीं रैंक हासिल की। यह रैंक उन्हें सीधे IFS – यानी भारतीय विदेश सेवा – में ले गई। ट्रेनिंग के दौरान भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और ‘बेस्ट ऑफिसर ट्रेनी’ का गोल्ड मेडल जीता।
विदेश सेवा में उनका चयन इस बात का प्रमाण था कि प्रतिभा और मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता।
यह भी पढ़ें: IAS मोहम्मद रोशन की जीवनी: उम्र, शिक्षा, परिवार, करियर, नियुक्ति & नेट वर्थ इनकम
विदेश मंत्रालय में निभाई अहम भूमिका
IFS अधिकारी बनने के बाद निधि तिवारी ने विदेश मंत्रालय (MEA) में अपनी सेवाएं शुरू कीं। उन्होंने “निरस्त्रीकरण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मामलों” के विभाग में काम किया, जहाँ उन्होंने भारत की रक्षा और विदेश नीति के कई अहम निर्णयों में योगदान दिया।
उनका काम इतना प्रभावशाली रहा कि उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ काम करने का मौका मिला – जो भारत की रणनीतिक नीति के सबसे अहम स्तंभ माने जाते हैं।
PMO में एंट्री – फिर हुई ऐतिहासिक नियुक्ति
2022 में निधि ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में बतौर अवर सचिव ज्वाइन किया। उनकी कार्यशैली, निर्णय क्षमता और समर्पण को देखकर 6 जनवरी 2023 को उन्हें उप सचिव के पद पर पदोन्नत किया गया।
लेकिन असली पहचान मिली 1 अप्रैल 2025 को, जब उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निजी सचिव नियुक्त किया गया। यह नियुक्ति इसलिए भी खास है क्योंकि वे हाल के वर्षों में इस पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला अधिकारी हैं।
प्रधानमंत्री की निजी सचिव के रूप में जिम्मेदारियाँ
निधि तिवारी अब PM मोदी की रोजमर्रा की प्रशासनिक जिम्मेदारियों, बैठकों और विदेश दौरों की तैयारियों की देखरेख करती हैं।
उनकी भूमिका है:
- पीएम का शेड्यूल तैयार करना
- विदेश यात्राओं का समन्वय
- महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेजों का निरीक्षण
- राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश मामलों में सीधे इनपुट देना
यह जिम्मेदारी उच्चतम स्तर की गोपनीयता, दक्षता और विश्वास की मांग करती है – और निधि इस पर पूरी तरह खरी उतरी हैं।
यह भी पढ़ें: दोनो पैर और एक हाथ नही फीर भी IAS बने सूरज तिवारी |
सैलरी और नेट वर्थ – जानें कितना कमाती हैं निधि तिवारी?
प्रधानमंत्री की निजी सचिव के रूप में निधि तिवारी पे मैट्रिक्स लेवल-14 में आती हैं, जिससे उन्हें मिलता है:
- ₹1,44,200 मासिक मूल वेतन
- महंगाई भत्ता (DA)
- आवास भत्ता (HRA)
- यात्रा भत्ता (TA)
इन सबको जोड़कर उनका कुल मासिक वेतन लगभग ₹2 लाख बैठता है।
उनकी अनुमानित नेट वर्थ लगभग ₹40 लाख रुपये आंकी गई है, जो उनकी सेवा, सैलरी, और भत्तों को देखते हुए एक सम्मानजनक आंकड़ा है।
निधि तिवारी से जुड़ी रोचक बातें
- निधि ने 2013 में UPSC CSE में 96वीं रैंक हासिल की थी।
- IFS अधिकारी बनने से पहले वह वाराणसी में सहायक आयुक्त रह चुकी हैं।
- ट्रेनिंग के दौरान उन्हें मिला था गोल्ड मेडल।
- उन्होंने विदेश मंत्रालय में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ मिलकर काम किया।
- वह पीएम मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी से हैं, जिससे उनके और प्रधानमंत्री के बीच एक मजबूत जुड़ाव बनता है।
महिलाओं के लिए प्रेरणा – निधि तिवारी की कहानी
निधि तिवारी की सफलता की कहानी सिर्फ एक सरकारी अधिकारी की प्रोफाइल नहीं है, बल्कि हर उस लड़की के लिए प्रेरणा है जो बड़े सपने देखती है।
उन्होंने दिखा दिया कि अगर इरादे मजबूत हों और मेहनत में कोई कसर न छोड़ी जाए, तो कोई भी ऊँचाई हासिल की जा सकती है – चाहे वह प्रधानमंत्री का निजी सचिव बनना ही क्यों न हो।
निष्कर्ष
निधि तिवारी का जीवन इस बात का प्रमाण है कि एक सामान्य परिवार से निकलकर भी कोई व्यक्ति असाधारण उपलब्धियाँ हासिल कर सकता है।
उनकी उपलब्धियाँ न सिर्फ सिविल सेवा के उम्मीदवारों के लिए, बल्कि हर युवा के लिए प्रेरणा हैं।
अगर आपको यह कहानी प्रेरणादायक लगी हो, तो इसे शेयर करें और ऐसे ही और जानकारियों के लिए हमारे ब्लॉग से जुड़े रहें।