
IPL 2025 का रोमांच अपने चरम पर है, और 32वें मुकाबले में कुछ ऐसा हुआ जिसने फैंस को चौंका दिया। दिल्ली कैपिटल्स बनाम राजस्थान रॉयल्स के इस हाई वोल्टेज मैच में भले ही फोकस बैट्समैन और बॉलर पर था, लेकिन स्टंप के पीछे खड़े केएल राहुल ने वो कर दिखाया जो शायद कोई नहीं देख पाया।
राहुल की चाल से टूटा राजस्थान का तूफान
बुधवार को खेले गए इस मुकाबले में दिल्ली कैपिटल्स ने राजस्थान रॉयल्स को सुपर ओवर में हराकर दो कीमती अंक अपने नाम किए। इस जीत के हीरो कई खिलाड़ी रहे, लेकिन जिस एक रणनीति ने मैच की दिशा बदली, वो केएल राहुल की विकेट के पीछे से की गई प्लानिंग थी।
राजस्थान रॉयल्स 188 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही थी और टीम के दो बल्लेबाज – यशस्वी जायसवाल और नीतीश राणा – आक्रामक अंदाज़ में रन बना रहे थे। जायसवाल ने 37 गेंदों में 51 रन जड़ दिए थे और राजस्थान जीत की ओर बढ़ रही थी।
14वें ओवर में बदली मैच की स्क्रिप्ट
मैच के 14वें ओवर में कुछ ऐसा हुआ जिसने सबकी आंखें खोल दीं। कुलदीप यादव गेंदबाज़ी करने आए और उनकी दूसरी गेंद से ठीक पहले विकेट के पीछे खड़े केएल राहुल ने उन्हें सलाह दी – “गेंद सीधी लाइन में रखो।”
इतना ही नहीं, उन्होंने लॉन्ग ऑन पर फील्डिंग कर रहे मिचेल स्टार्क को थोड़ा सीधा खड़े होने का इशारा किया। ये इशारा कितना कीमती था, ये अगली ही गेंद पर साबित हो गया। कुलदीप ने वैसी ही गेंद डाली जैसी राहुल ने सुझाई थी – यशस्वी क्रीज से बाहर निकले और बड़ा शॉट लगाने की कोशिश की, लेकिन बॉल सीधा स्टार्क के हाथों में गई।
विकेट जिसने बदल दी पूरी बाज़ी
जायसवाल के आउट होते ही राजस्थान की रफ्तार थम गई। जहां लग रहा था कि राजस्थान आसानी से मैच जीत लेगी, वहीं अब दिल्ली ने वापसी का रास्ता बना लिया। राजस्थान की टीम किसी तरह मैच को सुपर ओवर तक ले गई, लेकिन वहां डीसी ने आसानी से जीत दर्ज कर ली।
प्लेऑफ की रेस में सबसे आगे दिल्ली
इस धमाकेदार जीत के बाद दिल्ली कैपिटल्स के 10 अंक हो चुके हैं और टीम प्वाइंट्स टेबल में टॉप पर पहुंच गई है। मौजूदा फॉर्म को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि डीसी प्लेऑफ में पहुंचने वाली पहली टीम बन सकती है।
राहुल का माइंड गेम – सिर्फ विकेटकीपर नहीं, कप्तान से कम नहीं!
केएल राहुल ने एक बार फिर साबित किया कि वह केवल शानदार बल्लेबाज़ ही नहीं, बल्कि एक स्मार्ट क्रिकेट माइंड भी हैं। उन्होंने जिस सटीक रणनीति से यशस्वी जैसे खतरनाक बल्लेबाज़ को फंसाया, वो युवा खिलाड़ियों के लिए एक सबक है – क्रिकेट सिर्फ ताकत का नहीं, दिमाग का खेल भी है।
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