Transgender women social worker Gauri Sawant Biography in Hindi,Gauri Sawant wikipedia in Hindi, , Gauri Sawant Age, height, weight, birth, family, education, career
गौरी सावंत, जिन्हें हम आज जानेंगे, एक अद्वितीय व्यक्तित्व हैं। वे एक ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्य हैं और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में प्रसिद्ध हैं। उनकी कहानी बड़ी प्रेरणास्त्रोत है जो हमें दिखाती है कि कैसे संघर्षों के बावजूद हम अपने लक्ष्यों की प्राप्ति कर सकते हैं। उन्होंने सेक्स वर्करों के बच्चों के लिए महत्वपूर्ण काम किया है और उनके संघर्षों ने समाज में जागरूकता फैलाई है। उनके जीवन में कई महत्वपूर्ण मोड़ रहे हैं, जिनसे हम उनकी अनूठी कहानी को समझ सकते हैं।

गौरी सावंत की जीवनी परिचय (Gauri Sawant Biography in Hindi)
गौरी सावंत का परिवार और जन्म (Gauri Sawant Family and birth )
गौरी सावंत का जन्म 2 जुलाई 1979 को महाराष्ट्र के पुणे शहर में हुआ था। वे एक समान्य मराठी परिवार से थे और उनके पारिवारिक माहौल में प्यार और समर्थन था। पहले उनकी माता-पिता को एक बेटी की सुंदर उपहार मिला था, और फिर गौरी सावंत का जन्म हुआ था। यह घटना परिवार में खुशी का कारण बन गई, क्योंकि उनके घर में लड़का पैदा हुआ था।
गौरी सावंत के माता-पिता ने उनका नाम गणेश नंदन रखा था, लेकिन वक्त के साथ सावंत के व्यक्तिगतिक गुण और पसंदें बदलती गईं। जब वे बड़ी होने लगी, तो उनके पसंदीदा वस्त्र, शैली और बोलचाल में भी बदलाव आया। उनके परिवारवालों के लिए वे ‘गणेश नंदन’ बदलकर ‘गौरी सावंत’ बन गईं और उनकी खुशियाँ और गर्व दोगुने हो गए।
गौरी सावंत के परिवार में विवादों और मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उनके पिता पुलिस अधिकारी थे और उनकी आदत में गुस्सा और कठिनाईयों का सामना करना शामिल था। गौरी की मां एक गृहिणी थी और उन्होंने अपनी बेटी के प्रति अपने आदर्शों को सिखाया। हालांकि, जब गौरी की आयु 7 साल की थी, तो उनकी मां की मृत्यु हो गई। यह घटना उनके जीवन को एक महत्वपूर्ण बदलाव देने वाली घटना बन गई।
यह भी पढ़े:-युट्यूबर एल्विश यादव की जीवनी परिचय
मां के निधन के बाद, गौरी को अपनी दादी ने पाला और उन्हें आगे बढ़ने में सहायता की। इस समय गौरी के परिवार में आर्थिक संकट भी था, लेकिन उन्होंने मजबूती और संकल्प दिखाकर इस मुश्किल समय का सामना किया। गौरी के परिवार में एक छोटे भाई भी थे, लेकिन उनके बीच की तनावपूर्ण संबंधों का सामना करना पड़ा।
गौरी सावंत का संघर्षपूर्ण जीवन की कहानी (Struggling life story of Gauri Sawant)
गौरी सावंत के जीवन की शुरुआत बहुत ही कठिनाइयों से भरी थी। उन्हें अपने जीवन में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। गौरी का जन्म हुआ जब उनके माता-पिता ने उनका नाम गणेश नंदन रखा था। परिवारवाले लड़के होने पर बहुत खुश थे, लेकिन जब गणेश बड़े होने लगे, तो उनका व्यवहार, दिखावट, और बातचीत में बदलाव आने लगा। वे सारे काम जो आमतौर पर लड़कियों के लिए सोचे जाते थे, उन्हें करना पसंद करते थे। इसके परिणामस्वरूप, गणेश के पिता उन्हें बहुत डांटते थे। परंतु उनकी मां ने उन्हें हमेशा प्यार दिया था।
लेकिन जब गणेश 7 साल के थे, तब उनकी मां की मौत हो गई। उनके बाद, उन्हें उनकी दादी ने पाला। जब गणेश स्कूल जाने लगे, तो वहाँ उनका सामाजिक माहौल भी कुछ खास नहीं था। बच्चे और शिक्षक उनके साथ बुरे तरीके से व्यवहार करते थे और उन्हें चिढ़ाते थे। उनके परिवारवाले और समाज में भी उन्हें लड़की, हिजड़े, किन्नर, छक्का आदि के नामों से चिढ़ाते थे। इससे गणेश के पिता को बहुत ही शर्मिंदगी महसूस होने लगी थी। पिताजी ने गणेश से बात करना बंद कर दिया था और वे उनके साथ नहीं मिलते थे।
इस समस्या भरपूर परिप्रेक्ष्य में, गणेश ने अपने आप को सिखाने का संकल्प किया। उन्होंने मन लगाकर पढ़ाई की और अपनी कौशल में सुधार किया। उन्होंने सोचा कि उन्हें अपने आप को साबित करने का मौका मिलेगा। इसी सोच के साथ, उन्होंने 16 साल की उम्र में घर छोड़ने का फैसला लिया और मुंबई की ओर कदम बढ़ाए। उन्होंने घर से 60 हजार रुपये लेकर नए सपनों की ओर पहला कदम उठाया।
गौरी सावंत ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए काम करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता (Gauri Sawant, social activist working for the transgender community)
2008 में, गौरी सावंत ने सखी चार चौघी ट्रस्ट की स्थापना की, जो ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और कानूनी सहायता के क्षेत्र में काम करता है। इस ट्रस्ट के माध्यम से, उन्होंने व्यावसायिक प्रशिक्षण और रोजगार प्राप्त करने में सहायता देने के साथ-साथ ट्रांसजेंडर लोगों को वित्तीय स्वतंत्रता हासिल करने में भी मदद की है।
यह भी पढ़े:-फुकरा इंसान अभिषेक मल्हान की जीवनी
गौरी ने अपने सामाजिक कार्यकर्ता के दृष्टिकोण से भारतीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण प्रशंसा प्राप्त की है। 2014 में, उन्हें TED में ट्रांसजेंडर समुदाय के खिलाफ भेदभाव को मिटाने के लिए बातचीत करने का अवसर मिला था।
2015 में, उन्हें संयुक्त राष्ट्र में अपने काम की चर्चा करने और अपने अनुभव साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया था। इसके साथ ही, भारत सरकार ने महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देने में गौरी की मदद के लिए “नारी शक्ति पुरस्कार” से भी उन्हें सम्मानित किया गया।
गौरी सावंत ने सखी चार चौघी ट्रस्ट के साथ-साथ भारत में ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों को प्रोत्साहित करने के लिए कड़ी मेहनत की है। उन्होंने भारतीय पासपोर्ट कार्यक्रम में ट्रांसजेंडर समावेशन के अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके तहत तीसरे लिंग के विकल्प को पासपोर्ट आवेदन पत्र में शामिल किया गया था। यह कदम ट्रांसजेंडर लोगों के अधिकारों की मान्यता देने में महत्वपूर्ण रहा है।
गौरी सावंत एक सेक्स वर्कर की बेटी को लिया गोद (Gauri Sawant adopted the daughter of a sex worker)
समाज में अक्सर उच्चाधिकारियों के बच्चों को आराम से सब कुछ मिलता है, लेकिन क्या होता है जब एक सेक्स वर्कर की बेटी को गोद लेने का मौका मिलता है? यह कहानी हमें उस समय के समर्पण और साहस का परिचय देती है जब गौरी सावंत ने अपनी इस बेहद मानवीय कड़ी को साबित किया।
2006 में, गौरी सावंत के पास एक चेला आया जिसने उनसे यह सुनाया कि कुछ साल पहले एक महिला ने उनसे अचार मांगने के लिए आवेदन किया था, लेकिन उस महिला की बीमारी के कारण उसकी मृत्यु हो गई थी। उसके परिवार के साथी ने उसके घर को बेच दिया था और उसकी 3 साल की बेटी भी थी। गौरी सावंत ने इस स्थिति को देखते हुए महिला के घर जाकर उसकी मदद की। वहां पहुंचते ही उन्हें अस्थिति मिली – महिला की लाश और कुछ आदमी जो बच्ची को बेचने की कोशिश कर रहे थे।
गौरी सावंत ने इस दुखद परिस्थिति में ना कहकर उस बच्ची को अपने घर ले आई और उसके लिए संघर्ष किया। उन्होंने उस आदमी से कहा कि उनके पास भी उस महिला के उधार रुपये हैं, और वह बच्ची उनके साथ रहेगी। गौरी ने उस बच्ची को गायत्री के नाम से पुकारा और उसे अपने साथ ले आई।
यह भी पढ़े:-बिग बॉस ओटीटी कंटेस्टेंट मनीषा रानी जीवनी परिचय
यह सच है कि उस समय ट्रांसजेंडर को बच्चा अडोप्ट करने का कोई अधिकार नहीं था, लेकिन गौरी सावंत ने इस मामले में अपने सिद्धांतों की खातिर लड़ाई लड़ी और उस बच्ची की आधिकारिक मां बनी। आज, उस बच्ची गायत्री 24 साल की है, डेंटिस्ट बन गई है और अगली पढ़ाई की तरफ बढ़ रही है।
गौरी सावंत KBC में 25 लाख की जीत (Gauri Sawant won 25 lakhs in KBC)
कौन बनेगा करोड़पति (KBC) एक ऐसा प्रोग्राम है जो न केवल जीतने वाले के जीवन में बदलाव लाता है, बल्कि उनकी कहानियों से हमें नये प्रेरणास्त्रोत भी मिलते हैं। गौरी सावंत की भी एक ऐसी ही अनूठी कहानी है, जिन्होंने KBC के सीजन-9 में 25 लाख रुपये जीते थे।
गौरी सावंत को KBC में बुलाया गया था क्योंकि वे एक सेक्स वर्कर के बच्चों की मदद करने के लिए संघर्ष कर रही थीं। वे अपने जीवन में कई मुश्किलातों का सामना करने के बावजूद आगे बढ़ने का संकल्प रखती थीं।
जब गौरी सावंत ने KBC में प्रतियोगिता में भाग लिया, तो उन्होंने 25 लाख रुपये जीतकर सबको हेरान कर दिया। इन पैसों का उन्होंने एक नोबल कार्य के लिए प्रयोग किया। उन्होंने इन पैसों से सेक्स वर्करों के बच्चों की मदद करने के लिए एक ट्रस्ट बनाया। इस ट्रस्ट का नाम “आजी का घर” था, जो सेक्स वर्करों के बच्चों को शिक्षा और सहायता प्रदान करने का उद्देश्य रखता था।
हालांकि, जब गौरी सावंत ने KBC में प्राप्त की जीत के पैसों से ट्रस्ट बनाने का योजना अमिताभ बच्चन ने सुनी, तो उन्होंने इस ट्रस्ट का नाम “नानी का घर” रख दिया।
गौरी सावंत की जीवनी पर आधारित फिल्म “ताली” (Taali, a biographical film on Gauri Sawant)
बॉलीवुड ने आज तक नवाचारी और प्रेरणास्त्रोत कहानियों को पर्दे पर उतारने में कभी हिचकिचाहट नहीं की है। इसी सिलसिले में हाल ही में गौरी सावंत के जीवन पर आधारित एक वेब सीरीज की घोषणा की गई है, जिसका नाम “ताली” है। यह सीरीज गौरी सावंत की अद्भुत जीवन कहानी पर आधारित है और इसमें गौरी सावंत के किरदार को सुष्मिता सेन ने निभाया है।
“ताली” सीरीज का पहला लुक हाल ही में सामने आया है, और इसमें सुष्मिता सेन गौरी सावंत की तर्ज पर दिखाई देती हैं। यह सीन उनके तालियाँ बजाते हुए दिखाता है, जो उन्होंने उन्हीं के माता-पिता के मारने के बाद उनके छोटे भाई की देखभाल के लिए की थी।
गौरी सावंत ने इस सीरीज के संबंध में कहा, “मैं बहुत खुश हूं कि सुष्मिता सेन जैसी विशेष अदाकारी वाली एक्ट्रेस मेरा किरदार निभा रही है। इस फिल्म के माध्यम से दुनिया मेरे और मेरे जीवन के बारे में अधिक जान सकेगी, और उम्मीद है कि इससे लोगों को प्रेरणा मिलेगी।”
गौरी सावंत को रोचक जानकारियां (Interesting facts about Gauri Sawant)
गौरी सावंत एक अद्वितीय व्यक्तित्व है जो ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में उभरी है। उनकी जीवनी में कई रोचक तथ्य हैं, जिन्होंने उन्हें समाज में प्रमुख स्थान पर पहुँचाया है।
1. गौरी सावंत एक ट्रांसजेंडर है और उन्होंने अपने जीवन में ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों की रक्षा करने का संकल्प लिया है।
2. सन् 2006 में, उन्होंने एक बच्ची को गोद लिया था, जिसने उनके जीवन को नये मोड़ पर ले जाने का काम किया।
3. गौरी सावंत की जीवन कहानी पर आधारित एक वेब सीरीज बन रही है, जिसका नाम “ताली” है, जो उनके संघर्षों और प्रेरणास्त्रोत कहानी को दर्शाएगी।
4. उन्होंने 16 साल की उम्र में अपने घर को छोड़ दिया था, और उनकी मेहनत और संघर्ष ने उन्हें महत्वपूर्ण मानवाधिकारों की ओर बढ़ने में मदद की।
5. गौरी सावंत ने लगभग 20 से ज्यादा सेक्स वर्करों के बच्चों की देखभाल, पोषण और शिक्षा का कार्य किया है, जिससे वे उन्हें समर्पित और आत्मनिर्भर नागरिक बनने में मदद कर सकें।
6. उन्होंने “हमसफर” ट्रस्ट से जुड़कर किन्नरों की सहायता के काम में भी अपना सहयोग दिया है।
7. गौरी सावंत ने 2009 में किन्नरों के अधिकारों की रक्षा के लिए अदालत में लड़ाई लड़ी और 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडरों को कानूनी मान्यता देने का ऐतिहासिक निर्णय दिया।
8. मार्च 2019 में, निर्वाचन आयोग ने गौरी सावंत को देश की पहली ट्रांस
जेंडर इलेक्शन एम्बेसडर नियुक्त किया था, जो एक महत्वपूर्ण कदम था ट्रांसजेंडर समुदाय के प्रति समाज की सोच को बदलने की दिशा में।
9. उनके परिवार वालों ने उन्हें कभी स्वीकार नहीं किया और उनका साथ नहीं दिया, लेकिन उन्होंने अपने संघर्षों का सामना करते हुए अपनी दिशा में आगे बढ़ने का निर्णय लिया।
10. गौरी सावंत की उम्र 2022 में 43 वर्ष हो गई है, और उनकी यात्रा अब भी जारी है, जो एक प्रेरणास्त्रोत की तरह समाज में उजागर होती रहती है।
FAQ:-
Q. गौरी सावंत कौन है?
गौरी सावंत ट्रांसजेंडर महिला है जो समाज सेविका है जिन्होंने अपनी पहचान के लिए अपने परिवार, समाज और अपने जेंडर के लिए सुप्रीम कोर्ट से भी लड़ी है.
Q. गौरी सावंत की उम्र कितनी है?
गौरी सावंत की उम्र की वर्त्तमान उम्र 4 वर्ष (2023 मे)
Q. गौरी सावंत का जन्म कब हुआ था?
गौरी सावंत का जन्म2 जुलाई 1979 हुआ था.
Q. गौरी सावंत कहां की है?
मुंबई, भारत
Q. गौरी सावंत पर कौन सी फिल्म बनी है?
गौरी सावंत के संगर्ष जीवन पर आधारित एक वेब सीरीज बने गई है. जिसका नाम “ताली” है.
Q. सुष्मिता सेन ने ताली में किसका किरदार निभाया है?
सुष्मिता सेन ने ताली फिल्ट्रांम में ट्सरांसजेंडर समाज सेविका गौरी सावंत की किरदार निभाई है.
अन्य पढ़ें:-