भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की जीवनी | Ajit Doval Biography in Hindi

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Ajit Doval Biography in Hindi

भारत के वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल का नाम जब-जब सुरक्षा, खुफिया ऑपरेशन और आतंकवाद विरोधी रणनीतियों की बात आती है, तो सबसे पहले लिया जाता है। उन्हें भारत का “जेम्स बॉन्ड” भी कहा जाता है। उनकी जीवनी, उनके साहसी कारनामे, पाकिस्तान में जासूस के रूप में उनका रहना और कई बार मौत को मात देना – ये सब भारतीय खुफिया इतिहास का एक गौरवशाली हिस्सा हैं।

अजीत डोभाल का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा | Ajit Doval early life & education

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत कुमार डोभाल का जन्म 20 जनवरी 1945 को ब्रिटिश भारत के संयुक्त प्रांत (उत्तराखंड) के पौड़ी गढ़वाल जिले के एक छोटे से घिरी बनेलस्यूं नमक गांव में हुआ था। उनके पिता मेजर जी. एन. डोभाल भारतीय सेना में अधिकारी थे, जिससे उन्हें देशभक्ति की भावना विरासत में मिली।

उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा अजमेर मिलिट्री स्कूल, राजस्थान से की और इसके बाद डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा से अर्थशास्त्र में एम.ए. किया। बाद में उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय से एम.फिल. की उपाधि प्राप्त की।

अजीत डोभाल IPS और खुफिया सेवा में करियर | Ajit Doval IPS & career in Intelligence Service

1968 में अजीत डोभाल ने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में चयनित होकर केरल कैडर में अपनी सेवा शुरू की। उन्होंने शुरुआत कोट्टायम जिले के सहायक पुलिस अधीक्षक (ASP) के रूप में की। कुछ समय बाद वह खुफिया ब्यूरो (IB) में चले गए, जहां उन्होंने अपनी असाधारण सूझबूझ और रणनीतिक कौशल से कई बड़े ऑपरेशन सफलतापूर्वक संचालित किए।

वह इंटेलिजेंस ब्यूरो के ऑपरेशन विंग के मुखिया बने और मल्टी एजेंसी सेंटर (MAC) और जॉइंट टास्क फोर्स ऑन इंटेलिजेंस (JTFI) जैसे महत्वपूर्ण खुफिया ढांचे की नींव रखी।

अजीत डोभाल ने पाकिस्तान में जासूस | Ajit Doval caught spies in Pakistan

अजीत डोभाल का सबसे चर्चित मिशन पाकिस्तान में रहा। उन्होंने लगभग सात साल तक पाकिस्तान में एक मुस्लिम के रूप में अंडरकवर एजेंट बनकर कार्य किया। इस दौरान उन्होंने इस्लामी पहनावे, भाषा और जीवनशैली को पूरी तरह अपनाया ताकि उनकी असली पहचान उजागर न हो।

यह भी पढ़ें:एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह की प्रेरक कहानी | Amar Preet Singh Biography in Hindi

प्लास्टिक सर्जरी का रहस्य

एक बार लाहौर में, एक दरगाह के पास एक धार्मिक व्यक्ति ने उन्हें पहचान लिया। उसने कहा, “तुम हिंदू हो, क्योंकि तुम्हारे कान छेदे हुए हैं।” जब डोभाल ने इनकार किया, तब उस व्यक्ति ने उन्हें सलाह दी कि यदि पाकिस्तान में सुरक्षित रहना है, तो कान का छेद प्लास्टिक सर्जरी से ठीक करवा लो। इस घटना के बाद उन्होंने प्लास्टिक सर्जरी करवाई, हालांकि आज भी उनके कान में हल्का निशान दिखता है।

ऑपरेशन ब्लैक थंडर और अन्य खुफिया मिशन | Operation Black Thunder and other intelligence missions

1988 में ऑपरेशन ब्लैक थंडर के दौरान उन्होंने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में खालिस्तानी आतंकवादियों के बीच घुसपैठ कर महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी इकट्ठा की। इससे ऑपरेशन को बिना बड़े नुकसान के सफल बनाया जा सका।

इसके अलावा उन्होंने:

  • सिक्किम के भारत में विलय में खुफिया भूमिका निभाई।
  • आईसी-814 विमान अपहरण कांड में यात्रियों की रिहाई हेतु कंधार में वार्ता की।
  • इराक से 46 भारतीय नर्सों की सुरक्षित वापसी के लिए जोखिम उठाकर स्वयं वहां गए।
  • 2015 में म्यांमार में हॉट परस्यूट ऑपरेशन का नेतृत्व किया।
  • 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक की रणनीति में शामिल रहे।

यह भी पढ़ें:भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी की जीवनी, उम्र, परिवार, करियर, महत्वपूर्ण उपलब्धियां| Vikram Misri Biography

अजीत डोभाल सेवानिवृत्ति के बाद का जीवन | Ajit Doval Life After Retirement

2005 में खुफिया ब्यूरो से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन (VIF) की स्थापना की और इसके संस्थापक निदेशक बने। यह एक थिंक टैंक है जो राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और रणनीतिक विषयों पर काम करता है।

उन्होंने विदेशी बैंकों में भारतीय काले धन पर रिपोर्ट तैयार की और अन्ना हजारे व रामदेव के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलनों से जुड़ी गतिविधियों में भी परोक्ष रूप से भूमिका निभाई।

अजीत डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में भूमिका | Ajit Doval Role as National Security Adviser

30 मई 2014 को नरेंद्र मोदी सरकार में उन्हें भारत का पाँचवाँ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया। वे पहले ऐसे NSA बने जिन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है।

प्रमुख NSA कार्य

  • इराक से भारतीयों की वापसी (2014)
  • म्यांमार में सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक (2015)
  • डोकलाम विवाद का शांतिपूर्ण समाधान (2017)
  • पुलवामा हमले के बाद बालाकोट एयरस्ट्राइक (2019)
  • भारतीय पायलट अभिनंदन की रिहाई के लिए अमेरिका से वार्ता (2019)

अजीत डोभाल का सिद्धांत और पाकिस्तान नीति | Ajit Doval Doctrine and Pakistan Policy

अजीत डोभाल की नीति के अनुसार, “आतंकवाद का मुकाबला केवल बचाव से नहीं, बल्कि ठोस प्रतिघात से करना चाहिए।” पाकिस्तान के प्रति उनकी आक्रामक रणनीति को “डोभाल डॉक्ट्रिन” कहा जाता है, जिसके तहत भारत ने पहली बार अपने प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक जैसे सक्रिय कदम उठाए।

अजीत डोभाल का पुरस्कार और सम्मान | Ajit Doval Awards and Honors

अजीत डोभाल को देश के लिए असाधारण सेवाओं के लिए कई पुरस्कार मिले हैं:

  • कीर्ति चक्र (सेना के अलावा नागरिक को दिया गया पहला)
  • पुलिस पदक
  • राष्ट्रपति पुलिस पदक

अजीत डोभाल का व्यक्तिगत जीवन | Ajit Doval personal life

  • पत्नी: अरुणी डोभाल (विवाह 1972)
  • बच्चे: दो बेटे, जिनमें से एक शौर्य डोभाल, विवेकानंद फाउंडेशन और BJP से जुड़े हैं।
  • निवास: नई दिल्ली

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की जीवनी | Rajnath Singh Biography in Hindi

निष्कर्ष

अजीत डोभाल न केवल भारत के इतिहास के सबसे शक्तिशाली खुफिया अधिकारियों में से एक हैं, बल्कि वे देश की सुरक्षा नीति के निर्माता और मार्गदर्शक भी हैं। उनकी रणनीति, साहस, राष्ट्रभक्ति और गुप्त अभियानों में भूमिका आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top