Kalpana Chawla Biography in Hindi, Kalpana Chawla wikipedia in Hindi, Kalpana Chawla jivni, Kalpana Chawla Age, height, weight, birth, family, education, career, Husbend, Death, life story NASA,
कल्पना चावला एक अमरीकी अंतरिक्ष यात्री थीं, लेकिन उनकी मूल भारतीय थी। उन्होंने अंतरिक्ष में जाने वाली दूसरी भारतीय और पहली भारतीय महिला बनने का गर्व हमें दिलाया। कल्पना ने ‘कोलंबिया अन्तरिक्ष यान आपदा’ के सात यात्रीगण में से एक के रूप में भी भाग लिया था। उनकी पहली अंतरिक्ष यात्रा नवम्बर 1997 से दिसम्बर 1997 तक चली थी, जिसमें वे कोलम्बिया शटल से सफलतापूर्वक वापस आई थीं। उनकी दूसरी और आखिरी यात्रा 2003 में हुई थी, लेकिन दुर्भाग्यवश उसमें ही एक दुर्घटना घट गई, जिसके कारण उन्होंने और अन्य यात्रीगण ने जीवन खो दिया।

कल्पना चावला की जीवनी परिचय (Kalpana Chawla Biography in Hindi)
संक्षिप्त परिचय
नाम | कल्पना चावला |
जन्म | 1 जुलाई 1961 |
मृत्यु | 1 फरवरी 2003 |
जन्म स्थान | करनाल |
पेशा | इंजिनियर,टेक्नोलॉजिस्ट |
लम्बाई | 5’7” |
बालों का रंग | काला |
आँखों का रंग | काला |
पिता का नाम | बनारसी लाल चावला |
माता का नाम | संज्योथी चावला |
पति का नाम | जीन पिएरे हैरिसन |
प्राथमिक शिक्षा | करनाल से |
बीएससी | पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज |
एम.एस | टेक्सास यूनिवर्सिटी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग |
पीएचडी | एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में कोलोराडो यूनिवर्सिटी |
पहली अन्तरिक्ष की यात्रा | 1996 में STS-87 |
दूसरी और अंतिम अन्तरिक्ष यात्रा | 2003 में STS-107 फ्लाइट |
मृत्यु का कारण | स्पेस शटल का टूटना |
अवार्ड्स/ सम्मान | कांग्रेशनल स्पेस मेडल ऑफ़ ऑनर नासा अन्तरिक्ष उडान पदक नासा विशिष्ट सेवा पदक |
कल्पना चावला का जन्म (Kalpana Chawla Birth)
कल्पना चावला ने अंतरिक्ष में उड़ान भले ही अमेरिका से भरी हो, लेकिन उनका जन्म भारत में हुआ था। उनकी जन्म तिथि 17 मार्च 1962 को है। कल्पना की नागरिकता भारतीय थी और उनका जन्म हरियाणा के करनाल जिले में हुआ था।
कल्पना चावला की शिक्षा (Kalpana Chawla Education)
कल्पना ने 1982 में भारतीय पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बीएससी प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने अमेरिका जाकर मास्टर की डिग्री प्राप्त की, जहाँ उन्होंने 1984 में टेक्सास यूनिवर्सिटी से एरोस्पेस इंजीनियरिंग में एमएससी हासिल की। इसके बाद, 1988 में उन्होंने कोलोराडो यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की। कल्पना की शिक्षा में मेहनत का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
कल्पना चावला का परिवार (Kalpana Chawla Family)
कल्पना के माता-पिता का नाम संज्योथी चावला और बनारसीलाल चावला था। उनकी दो बहनें दीपा और सुनीता और एक भाई संजय थे। कल्पना ने अमेरिका में पढ़ाई करते समय ही वहाँ के फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर जीन पिएरे हैरिसन से शादी की। इस शादी के बाद, कल्पना को संयुक्त राज्यों की नागरिकता प्राप्त हो गई।
कल्पना चावला की करियर की अनुभव (Kalpana Chawla Career)
1988 में, कल्पना चावला ने अपनी डॉक्टरेट पूरी करते ही NASA Ames Research Center में पॉवर-लिफ्ट कम्प्यूटेशनल फ्लूइड डायनामिक्स में काम करना शुरू किया। उनका शोध केंद्रित था कि वायुमंडल में एयरक्राफ्ट के आसपास वायु की प्रवृत्तियाँ कैसे होती हैं। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद, उन्होंने फ्लो सॉल्वर में मैपिंग के साथ गणना का काम किया।
1993 में, कल्पना ने Over-Set Methods Inc., Los Altos, California में Vice President और Research Scientist के तौर पर शामिल होने का निर्णय लिया। यहाँ, उन्होंने एक टीम के साथ Moving Multi-Body Problem के अनुकरण की जाँच की, जिसमें अन्य रिसर्चर्स भी शामिल थे। वे विकास और एरोडायनामिक्स ऑप्टिमाइजेशन में आवश्यक तकनीकों के प्रयोग के लिए जिम्मेदार थीं। कल्पना चावला ने विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर काम करते समय विभिन्न पेपर्स को भी विभिन्न जर्नल्स में प्रकाशित किया था।
कल्पना चावला का नासा में अनुभव (Kalpana Chawla Experience in NASA)
1994 में, कल्पना का नासा में चयन हुआ, इसके बाद कल्पना ने 1995 में जॉनसन स्पेस सेंटर में एक एस्ट्रोनॉट के तौर पर एस्ट्रोनॉट के 15वें ग्रुप में शामिल होने का निर्णय लिया।
एक साल तक के प्रशिक्षण और मूल्यांकन के बाद, उन्होंने EVA/रोबोटिक कंप्यूटर ब्रांच के एस्ट्रोनॉट ऑफिस में टेक्निकल इश्यू के काम के लिए क्रू प्रतिनिधि के तौर पर नियुक्ति प्राप्त किए थे।
उनके कार्यों में रोबोटिक सिचुएशनल अवरेनेस डिस्प्ले और स्पेस शटल कण्ट्रोल सॉफ्टवेयर के टेस्टिंग का शामिल था, जो डी शटल में होता था, और एविओनिक्स इंटीग्रेशन लेबोरेटरी में सॉफ्टवेयर को नियंत्रित करना भी था।
नवम्बर 1996 में, कल्पना चावला को STS-87 मिशन में मिशन विशेषज्ञ और प्राइम रोबोटिक आर्म ऑपरेटर के रूप में नियुक्त किया गया। जनवरी 1998 में, उन्हें शटल और स्टेशन फ्लाइट के लिए क्रू रिप्रेजेन्टेटिव के पद पर नियुक्त किया गया था।, उसके बाद उन्होंने एस्ट्रोनॉट ऑफिस क्रू सिस्टम एंड हैबिटेबिलिटी सेक्शन में काम किया।
कल्पना ने 1997 में STS-87 और 2003 में STS-107 मिशन में अंतरिक्ष में जाने का अनुभव प्राप्त किया, जिनमें वे 30 दिन, 14 घंटे और 54 मिनट तक अंतरिक्ष में रहीं।
स्पेस फ्लाइट अनुभव: STS-87 कोलंबिया (19 नवम्बर से 5 दिसम्बर 1997 तक)
STS-87 कोलंबिया मिशन चौथी यूएस माइक्रोग्रेविटी पेलोडफ्लाइट थी, जिसमें विभिन्न भौतिक गतिविधियों का अध्ययन वजनहीन अंतरिक्ष में किया गया था। इस मिशन का उद्देश्य यह जानना था कि वजनहीन आकार में कैसे भौतिक प्रक्रियाएँ घटित होती हैं, और यहाँ तक कि सूर्य के बाहरी वायुमंडलीय अवलोकन भी शामिल था। STS-87 के मिशन में क्रू के दो सदस्यों ने स्पेस वॉक किया, जिसमें उन्होंने एक स्पार्टन उपग्रह का मैन्युअल कैप्चर किया और भविष्य में स्पेस स्टेशन की असेंबली की प्रक्रिया की योजना बनाई। STS-87 मिशन ने 36 घंटे और 34 मिनट में धरती का 252 चक्कर काट लिया।
STS-107 कोलंबिया (16 जनवरी से 1 फरवरी 2003 तक)
STS-107 कोलंबिया मिशन 16 दिनों तक चला और इसे विज्ञान और शोध में समर्पित किया गया। इस मिशन में 24 घंटे के दौरान 80 प्रयोगों की सफल परीक्षण की गई, जो क्रू के सदस्यों ने 2 शिफ्टों में किए थे। STS-107 मिशन की अधिकतम ध्यान दी गई थी और यह विज्ञान और शोध में योगदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
कल्पना चावला की मौत कैसे हुई (Kalpana Chawla Death)
1 फरवरी 2003 की सुबह, स्पेस शटल कोलंबिया अपनी धरती पर लौट रहा था और कैनेडियन स्पेस सेंटर पर लैंड होने वाला था। इस समय एक छोटे से इंसुलेशन के टुकड़े ने शटल के पंखों को क्षतिग्रस्त कर दिया, जो कि उनकी री-एंट्री के समय हीट से रक्षा कर
रहे थे। जब शटल वायुमंडल में प्रवेश कर रहा था, तो पंखों के अंदर की गर्मी ने उन्हें नष्ट कर दिया। इसके परिणामस्वरूप, शटल धरती पर गिरते समय टूट गया और सभी क्रू सदस्यों की मौके पर ही मौत हो गई।
कल्पना चावला के साथ उनके अंतिम समय में उनके क्रू में कमांडर रिक.डी.हस्बैंड, पायलट विलियम सी.एमसीकूल, पेलोड कमांडर माइकल पी.एंडरसन, पेलोड स्पेशलिस्ट इलान रामोन (जिन्होंने पहले इजरायली एस्ट्रोनॉट भी बने थे) और मिशन स्पेशलिस्ट डेविड एम.ब्राउन और लॉरेल बी.क्लार्क थे।
कल्पना चावला के अंतिम समय में उनके साथ (With Kalpana Chawla in her last moments)
कल्पना चावला के क्रू में कमांडर रिक.डी.हस्बैंड, पायलट विलियम सी.एमसीकूल, पेलोड कमांडर माइकल पी.एंडरसन, पेलोड स्पेशलिस्ट इलान रामोन (जिन्होंने पहले इजरायली एस्ट्रोनॉट भी थे) और मिशन स्पेशलिस्ट डेविड एम.ब्राउन थे।
हादसे के परिणामस्वरूप जांच और डोक्यूमेंटेशन (Incident investigation and documentation)
कोलम्बिया की घटना की जांच के लिए “कोलम्बिया एक्सीडेंट इन्वेस्टीगेशन बोर्ड (2003)” और नासा के “कोलम्बिया क्रू सर्वाइवल इन्वेस्टीगेशन रिपोर्ट” (2008) तैयार किए गए। इन जांचों से यह स्पष्ट हुआ कि क्या घटा था और कैसे भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है।
कोलम्बिया क्रू के अनुभव को डोक्युमेंटरीज भी प्रस्तुत की गई हैं, जैसे “एस्ट्रोनॉट डायरीज: ‘रीमेम्बरिंग दी कोलम्बिया शटल क्रू'” (2005) और 2013 में बनी डोक्युमेंट्री “स्पेस शटल कोलुम्बिया मिशन ऑफ होप,” जो इलान रामों पर केंद्रित थी।
टेक्सास की यूनिवर्सिटी ने 2010 में अर्लिंग्टन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग को कल्पना चावला के नाम पर मेमोरियल स्थापित किया। इसके उद्घाटन में उनके फ्लाइट सूट, फोटोग्राफ, जीवनी और उनके एक्सीडेंट के समय जॉनसन स्पेस सेंटर पर फहराया गया झंडा प्रदर्शित किए गए थे।
कल्पना चावला पुरस्कार और सम्मान (Kalpana Chawla aword and Achievement)
- कांग्रेशनल स्पेस मेडल ऑफ हॉनर
- नासा अंतरिक्ष उड़ान पदक
- नासा विशिष्ट सेवा पदक
- 2003 में कल्पना के निधन के बाद, भारत के प्रधानमंत्री ने मौसमी सेटेलाइट को उनके नाम पर रखने का ऐलान किया, और इसके कारण MetSat-1 सेटेलाइट का नाम “कल्पना” के नाम पर रखा गया। MetSat-1 को 12 सितंबर 2002 को लॉन्च किया गया था।
- इसी दौरान, 2004 में कर्नाटक सरकार ने युवा महिला वैज्ञानिकों के लिए “कल्पना चावला पुरस्कार” की स्थापना की।
- नासा ने भी कल्पना चावला की याद में एक सुपरकंप्यूटर को समर्पित किया।
कल्पना चावला से जुड़ी कुछ रोचक तथ्य (Kalpana Chawla about Interesting Facts)
1. कल्पना बचपन से ही जिज्ञासु और स्वतंत्र भावनाओं की धारणा रखती थी।
2. कल्पना ने अपने नाम की खुद की चयन की थी। उनकी मासी ने बताया कि उन्हें घर में “मोंटो” नाम से बुलाया जाता था, लेकिन उन्होंने टैगोर बाल निकेतन स्कूल में प्रवेश के समय कल्पना नाम को चुना।
3. 1988 में, उन्होंने अपनी डॉक्टरेट पूरी करते ही NASA Ames Research Center में काम करना शुरू किया, जहाँ उन्होंने विभिन्न आकार के हवा के प्रवाह का अध्ययन किया।
4. कल्पना चावला का 1994 में NASA में चयन हो गया था और वे एस्ट्रोनॉट के 15वें ग्रुप में शामिल हुई थीं।
5. उन्होंने 1997 में STS-87 मिशन में मिशन विशेषज्ञ और प्राइम रोबोटिक आर्म ऑपरेटर के रूप में भाग लिया था।
6. कल्पना चावला ने नवम्बर 1996 में STS-87 मिशन के लिए प्राइम क्रू रोबोटिक आर्म ऑपरेटर के रूप में भी काम किया था।
7. वे 1998 में एस्ट्रोनॉट ऑफिस के क्रू रिप्रेजेन्टेटिव पद पर नियुक्त हुई और उसके बाद क्रू सिस्टम एंड हैबिटेबिलिटी सेक्शन में काम किया।
8. कल्पना चावला ने 1997 में STS-87 मिशन और 2003 में STS-107 मिशन में मिलकर कुल 30 दिन, 14 घंटे और 54 मिनट तक अंतरिक्ष में बिताए।
कल्पना चावला पर आधारित बनने वाली फिल्मों से जुड़ी खबरे (News related to films based on Kalpana Chawla)
कल्पना चावला पर फिल्म बनाने की बारिकियों के साथ कई अफवाहें समाचार में आई हैं। इनमें से 2017 में प्रियंका चोपड़ा से संबंधित आयी अफवाह मुख्य है। हालांकि, 2017 में एक QUORA डिस्कशन में, कल्पना चावला के पति जीन पियर हैरिसन ने इस पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा, “जब तक मैंने सार्वजनिक रूप से इस बारे में नहीं कहा है कि मैं किसी प्रोजेक्ट में शामिल हूँ, तब तक यह सच है कि मैंने ऐसे किसी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, और किसी को इस तरह की फिल्म बनाने का अधिकार नहीं दिया है।
FAQ
Q : कल्पना चावला कौन थी?
Ans : कल्पना चावला भारत की एक अंतरिक्ष यात्री थी जिन्हें नासा द्वारा अंतरिक्ष में भेजा गया था।
Q : कल्पना चावला कैसे मरी थी?
Ans : चंद्रमा से लौटकर आते समय स्पेस शटल धरती पर लैंड के समय हुआ था।
Q : कल्पना चावला की उम्र कितनी थी?
Ans : 42 साल
Q : कल्पना चावला का जन्म कब हुआ?
Ans : 1 जुलाई, 1961
Q : कल्पना चावला की मृत्यु कब हुई?
Ans : 1 फरवरी 2003
अन्य पढ़े: