
भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से चल रहा सबसे बड़ा विवाद अगर कोई है, तो वह है जम्मू-कश्मीर, और विशेष रूप से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK)। यह न केवल एक भौगोलिक मुद्दा है, बल्कि राजनीतिक, कूटनीतिक और भावनात्मक रूप से भी दोनों देशों की पहचान और संप्रभुता से जुड़ा है। आइए विस्तार से जानते हैं कि POK क्या है, इसका इतिहास क्या रहा है, और यह विवाद आज किस मोड़ पर खड़ा है।
POK क्या है? | What is POK?
POK का पूरा नाम है Pakistan Occupied Kashmir — यानी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर।
यह उस भूभाग को संदर्भित करता है जो 1947-48 के भारत-पाक युद्ध के बाद से पाकिस्तान के नियंत्रण में है। भारत इसे अवैध कब्जा मानता है, जबकि पाकिस्तान इसे “आज़ाद कश्मीर” कहता है।
भारत के संविधान और संसद द्वारा यह क्षेत्र जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का अभिन्न हिस्सा माना गया है। यह क्षेत्र लगभग 78,000 वर्ग किलोमीटर में फैला है और इसमें दो प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं:
- आजाद जम्मू और कश्मीर (AJK) – राजधानी मुझफ्फराबाद
- गिलगित-बाल्टिस्तान – जिसे पाकिस्तान पहले “Northern Areas” कहता था
POK का ऐतिहासिक | History of POK
1. ब्रिटिश भारत और रियासतें
भारत की स्वतंत्रता से पहले, जम्मू और कश्मीर एक राज्यीय रियासत थी, जिसके शासक थे महाराजा हरि सिंह। 1947 में जब भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ, तो रियासतों को यह विकल्प दिया गया कि वे भारत या पाकिस्तान में शामिल हो सकते हैं या स्वतंत्र रह सकते हैं।
महाराजा हरि सिंह प्रारंभ में स्वतंत्र रहना चाहते थे। लेकिन पाकिस्तान की ओर से समर्थन प्राप्त कबाइली हमलावरों ने कश्मीर पर हमला कर दिया।
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2. कबाइली हमला और भारत से सहायता
अक्टूबर 1947 में हज़ारों पश्तून कबाइली लड़ाके पाकिस्तान की सेना के समर्थन से कश्मीर में घुस आए। इनका उद्देश्य था कश्मीर को पाकिस्तान में शामिल करना।
महाराजा हरि सिंह को जब हालात बेकाबू लगे, तो उन्होंने भारत से सैन्य सहायता मांगी।
भारत सरकार ने मदद की एक शर्त रखी — विलय पत्र (Instrument of Accession) पर हस्ताक्षर।
26 अक्टूबर 1947 को महाराजा ने भारत में विलय किया, और अगली सुबह भारतीय सेना श्रीनगर पहुँची।
3. पहला भारत-पाक युद्ध (1947-48)
भारतीय सेना ने हमलावरों को पीछे धकेला और कश्मीर का बड़ा हिस्सा बचा लिया।
लेकिन तब तक पाकिस्तान समर्थित कबाइलियों ने कश्मीर का एक बड़ा भाग अपने नियंत्रण में ले लिया था — यहीं से शुरू हुआ POK का अस्तित्व।
4. संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता और युद्धविराम
भारत ने जनवरी 1948 में संयुक्त राष्ट्र (UN) में मामला दर्ज कराया।
UN ने प्रस्ताव पास किया:
- पाकिस्तान पहले अपने सभी सैन्य और अर्धसैनिक बलों को वापस बुलाएगा
- इसके बाद भारत धीरे-धीरे सेना घटाएगा
- फिर राज्य में जनमत संग्रह कराया जाएगा
लेकिन पाकिस्तान ने अपनी सेना नहीं हटाई। नतीजा यह हुआ कि जनमत संग्रह कभी नहीं हो सका।
1 जनवरी 1949 को युद्धविराम हुआ, और नियंत्रण रेखा (LoC) निर्धारित हुई।
POK का प्रशासन और भूगोल | Administration and Geography of POK
1. आजाद जम्मू और कश्मीर (AJK)
- यह क्षेत्र पाकिस्तान द्वारा “स्वतंत्र” कहा जाता है, लेकिन इसकी विदेश नीति, रक्षा, और संचार पर पूरा नियंत्रण पाकिस्तान सरकार का होता है।
- यहाँ का “प्रधानमंत्री” और “राष्ट्रपति” पाकिस्तान के निर्देशों पर काम करते हैं।
- राजधानी: मुझफ्फराबाद
2. गिलगित-बाल्टिस्तान
- पहले इसे “Northern Areas” कहा जाता था।
- पाकिस्तान ने इसे 2020 में प्रांतीय दर्जा देने की योजना बनाई, जिसका भारत ने तीव्र विरोध किया।
- यह क्षेत्र रणनीतिक रूप से बेहद अहम है क्योंकि यहीं से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) गुजरता है।
भारत कहता है | India says
- POK भारत का अभिन्न हिस्सा है, जो अस्थायी रूप से पाकिस्तान के कब्जे में है।
- 1994 में भारतीय संसद ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया कि POK को हर हाल में भारत में मिलाया जाएगा।
- भारत ने बार-बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह स्पष्ट किया है कि पूरे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख राज्य का हिस्सा हैं।
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पाकिस्तान कहता है | pakistan says
- AJK को “आज़ाद” कहता है, लेकिन उसकी स्वतंत्रता केवल नाम मात्र की है।
- गिलगित-बाल्टिस्तान को अलग प्रशासनिक ढांचे में रखता है।
- वह जनमत संग्रह की बात करता है, लेकिन UN प्रस्तावों की पहली शर्त (सेना वापसी) कभी नहीं मानता।
अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण | International outlook
- संयुक्त राष्ट्र ने अब कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा मान लिया है।
- अधिकांश देश भारत और पाकिस्तान से आपसी बातचीत द्वारा हल निकालने की अपील करते हैं।
- कुछ देश जैसे चीन, POK में CPEC परियोजनाओं के कारण पक्षकार बन गए हैं, जिससे भारत को आपत्ति है।
भारत की नई नीति और अनुच्छेद 370 | India’s new policy and article 370
5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने:
- अनुच्छेद 370 को समाप्त किया
- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया
- POK और गिलगित-बाल्टिस्तान को भारत के नक्शे में पुनः दिखाया
भारत ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि एक दिन POK को भारत में वापस मिलाया जाएगा।
चीन की भूमिका और Aksai Chin विवाद | China role and the Aksai Chin dispute
- चीन ने 1963 में पाकिस्तान से शक्सगाम घाटी ले ली, जो भारत का हिस्सा था।
- CPEC चीन के शिनजियांग क्षेत्र को पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट से जोड़ता है — यह POK से होकर गुजरता है।
- भारत इसे संप्रभुता का उल्लंघन मानता है।
भारत को भविष्य की चुनौतियाँ | INDIA Future challenges
- पाकिस्तान द्वारा POK में मानवाधिकार हनन, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की कमी, और पंजाबीकरण जैसी गतिविधियों पर दुनिया धीरे-धीरे ध्यान दे रही है।
- भारत द्वारा बार-बार यह दोहराना कि POK को वापस लिया जाएगा, एक रणनीतिक व राजनीतिक संकल्प बन चुका है।
- लेकिन इसके लिए राजनयिक, सैन्य और जन समर्थन, तीनों की ज़रूरत होगी।
निष्कर्ष
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) केवल एक भौगोलिक मुद्दा नहीं, बल्कि भारत की संप्रभुता, ऐतिहासिक न्याय और राष्ट्रीय अस्मिता का प्रश्न है। 1947 से अब तक यह क्षेत्र संघर्ष, राजनीति और कूटनीति का केंद्र बना हुआ है। भारत की नीति स्पष्ट है — POK को एक दिन पुनः भारत में मिलाया जाएगा।
आपका क्या विचार है? क्या भारत को POK के मुद्दे पर और आक्रामक नीति अपनानी चाहिए? अपने विचार नीचे कमेंट में ज़रूर लिखें।