FD kya hota hai: FD को हिंदी में सावधि जमा खाता भी कहते हैं। यह एक सुरक्षित निवेश विकल्प है, जिसमें ग्राहक को नियमित बचत खाते के मुकाबले ज्यादा ब्याज होता है।
FD के माध्यम से निश्चित अवधि के लिए एक पूर्व >निर्धारित ब्याज दर पर निश्चित राशि का निवेश किया जाता है। अगर निवेशक वरिष्ठ नागरिक है, तो उन्हें उच्च ब्याज दरों की पेशकश की जाती है। इसमें एक बार की राशि निश्चित अवधि के लिए जमा की जाती है और ब्याज उस निश्चित दर के मुताबिक दिया जाता है।
लेकिन यह ध्यान देने योग्य है कि विभिन्न वित्तीय संस्थानों, जैसे कि सरकारी और गैर >सरकारी बैंक, पोस्ट ऑफिस में FD की ब्याज दरें अलग अलग हो सकती हैं। फिक्स्ड डिपॉजिट के तहत निवेश को अधिकतम 10 साल के लिए किया जा सकता है।
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FD किया होता है?(FD kya hota hai)
FD का फुल फॉर्म (FD Full Form)
FD (FD) का पूरा नाम ‘फिक्स्ड डिपॉजिट’ (Fixed Deposit) होता है। FD को हिंदी में ‘सावधि जमा’ कहा जाता है। FD का मुख्य उद्देश्य निवेशकों के द्वारा निवेश किए गए धन को एक निश्चित अवधि तक जमा करना होता है, और यह किसी विशेष परिस्थिति का सामना करने के लिए बचत करने का एक सुरक्षित तरीका होता है।
FD क्या होता है (What Is FD)
फिक्स्ड डिपॉजिट, जिसे FD के रूप में जाना जाता है, एक सुरक्षित और सरल तरीका है धन को बचाने का। इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि निवेशकों को निवेश करने से पहले ही पता चलता है कि उन्हें मैच्यूरिटी पर कितना ब्याज मिलेगा। आपको पूर्व >निर्धारित दर पर जमा की गई राशि पर ब्याज मिलता है, जिसका मतलब है कि किसी भी परिस्थिति में आपको उस निर्धारित राशि से ज्यादा या कम नहीं मिलेगा।
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किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस के माध्यम से FD में जमा की गई राशि को निश्चित समय अवधि से पहले नहीं निकाला जा सकता है। अगर कोई निवेशक किसी विशेष परिस्थिति में पैसे को निकालना चाहता है, तो उन्हें इसके लिए सम्बंधित बैंक या पोस्ट ऑफिस में पहले सूचना देनी पड़ती है, लेकिन इसके लिए निवेशक को जुर्माना देना पड़ता है। FD की न्यूनतम अवधि 6 महीने होती है और अधिकतम समय अवधि 10 वर्ष तक की हो सकती है।
फिक्स्ड डिपॉजिट के प्रकार (Types of Fixed Deposit in Hindi)
1. स्टैण्डर्ड टर्म डिपॉजिट्स (Standard Term Deposit)
> Standard Term Deposit में धनराशि पूर्व निर्धारित ब्याज दर पर एक निश्चित समय के लिए निवेश की जाती है।
> इसमें अवधि 6 महिना से लेकर 10 साल तक हो सकती है।
> निवेश की अवधि और ब्याज दर वित्तीय संस्थान पर निर्भर होता है, जिसमें निवेश किया जा रहा है।
2. सीनियर सिटीजन फिक्स्ड डिपॉजिट्स (Senior Citizens Fixed Deposit)
> NBFC अन्य निवेशक बैंक की तुलना में 60 साल से ज्यादा उम्र के लोग यानी वरिष्ठ नागरिकों को फिक्स्ड डिपॉजिट पर ज्यादा ब्याज दर की सुविधा दे रही हैं।
> साथ ही वरिष्ठ नागरिकों को FD से हासिल हुए ब्याज पर टैक्स नहीं लगता है।
3. रेकरिंग डिपॉजिट (Recurring Fixed Deposit)
> रेकरिंग डिपॉजिट भी एक तरह का फिक्स्ड डिपॉजिट है, इसमें धनराशि को निर्धारित अवधि जैसे मासिक या त्रैमासिक के लिए जमा किया जाता है।
> इसमें ब्याज दर पहले से ही निर्धारित होता है।
> समय अवधि पूरी होने पर धनराशि के साथ ब्याज भी प्राप्त होता है।
4. कॉरपोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट (Corporate Fixed Deposit)
> कुछ कॉर्पोरेट संस्थाएं भी FD जमा करने की पेशकश करती हैं।
> वे बैंकों और एनबीएफसी की तुलना में ज्यादा ब्याज दर देती हैं, लेकिन इसमें कॉर्पोरेट FD में जोखिम ज्यादा होता है।
> अगर कोई कंपनी दिवालिया हो गई तो इस बात की गारंटी नहीं है कि जमा की गई धनराशि को वसूल किया जा सकेगा।
5. एनआरआई फिक्स्ड डिपॉजिट (NRI Fixed Deposit)
> एनआरआई FD विदेशी करेंसी में कमाई करने वाले नागरिकों के लिए अच्छा विकल्प है।
> करेंसी में उतार >चढ़ाव होते रहते हैं, लेकिन एनआरआई FD का सबसे खास फायदा यह है कि इसमें ब्याज सहित पूरी राशि टैक्स फ्री है।
FD कितने साल में डबल होती है?
आपके FD के पैसे कितने साल में डबल होते हैं, यह ब्याज दर पर निर्भर करता है। FD को दोगुना होने में कितने साल लगेंगे, इसका अनुमान लगाने के लिए आप 72 के नियम का उपयोग कर सकते हैं। इस नियम के अनुसार, आप 72 को ब्याज दर (प्रतिशत में) से विभाजित करके जान सकते हैं कि आपके पैसे को दोगुना करने में कितने साल लगेंगे।
चलिए, हम इसको एक उदाहरण के साथ समझें। मान लीजिए, आपने 7% की ब्याज दर पर 50,000 रुपये की FD में निवेश किया है। अब, आपके पैसे को दोगुना करने में कितने साल लगेंगे, यह जानने के लिए हम 72 को 7% से विभाजित करते हैं। तो, 72 / 7 = 10.2
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इसका मतलब है कि आपके पैसे को दोगुना करने में लगभग 10.2 साल की समयावधि होगी। इसलिए, यदि ब्याज दर 7% पर बनी रहती है, तो आपके 50,000 रुपये का निवेश लगभग 10.2 साल में 1 लाख रुपये में डबल हो जाएगा।
इससे स्पष्ट होता है कि FD के पैसे कितने समय में डबल होते हैं, यह उसकी ब्याज दर पर निर्भर करता है। इसलिए, जब आप FD में निवेश करने का निर्णय लेते हैं, तो आपको ब्याज दर को ध्यान में रखना चाहिए।
FD पर ब्याज दर क्या होती है (What is The Interest Rate on FD)
FD पर मिलने वाली ब्याज दर की बात करें, तो इसमें सिम्पल सेविंग अकाउंट (Saving Account) और करंट अकाउंट (Current Account) की तुलना में ब्याज अधिक मिलता है। हालांकि कुछ समय पहले, फिक्स्ड डिपॉजिट पर निवेशकों को लगभग 15 प्रतिशत की ब्याज मिलती थी, लेकिन इस वक्त FD में ब्याज दर 7 से 9 प्रतिशत के बीच हो गई है।
इसके अलावा, अपने बचत खाते को FD में निवेश करवाने पर निवेशक की धनराशि मात्र चार से पांच साल (Four to Five Years) में दोगुनी हो जाती थी। हालांकि इस समय में पैसा दोगुना होने में कम से कम आठ से दस वर्ष लग सकते हैं। आने वाले समय में, FD में निवेश की गई धनराशि को डबल होने में और भी अधिक समय लग सकता है।
FD पर टैक्स कटौती का नियम (Tax Deduction Rule on FD)
FD पर टैक्स कटौती के नियम आपकी आयकर स्लैब पर निर्भर करते हैं। आयकर स्लैब के अनुसार, टैक्स 0 से 30 प्रतिशत तक कट सकता है। FD से एक वर्ष में 10,000 रुपये से अधिक ब्याज प्राप्त होने पर, निवेशक को 10 प्रतिशत कर का भुगतान करना होगा। इसके लिए निवेशक को अपना पैन कार्ड की प्रति जमा करना आवश्यक होता है। अगर पैन कार्ड जमा नहीं किया जाता है, तो 20 प्रतिशत टीडीएस कट जाता है।
टैक्स कटौती से बचने के लिए, निवेशकों को फॉर्म 15A जमा करना होता है। यह फॉर्म उन निवेशकों के लिए होता है जो किसी भी आयकर स्लैब में नहीं आते। अगर निवेशक सीनियर सिटीजन हैं, तो उन्हें टैक्स कटौती से बचने के लिए 15H फॉर्म जमा करना होता है।
फिक्स डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉजिट अकाउंट में अंतर
फिक्स डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉजिट अकाउंट, ब्याज की दृष्टि से बराबर होते हैं, लेकिन पैसा जमा करने का तरीका विभिन्न होता है। फिक्स डिपॉजिट में, पूरी धनराशि एक साथ जमा की जाती है, जबकि रेकरिंग डिपॉजिट में निर्धारित समय पर किश्तों में राशि देनी होती है।
फिक्स डिपॉजिट की अवधि पूरी होने पर धनराशि निकाली जा सकती है, लेकिन वक्त से पहले पैसे निकालते हैं तो जुर्माना लगता है। वहीं, रेकरिंग डिपॉजिट को कोई बीच में छोडना चाहे तो बैंक को ब्याज पर कोई जुर्माना नहीं देना होता है।
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मैच्योरिटी से पहले फिक्स्ड डिपॉजिट तुड़वाने पर नुकसान
फिक्स्ड डिपॉजिट की मैच्योरिटी पूरी होने से पहले तुड़वाने पर नुकसान होता है। उदाहरण के लिए, अगर आप 1 साल के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट करते हैं और 6 महीने के अंदर ही फिक्स्ड डिपॉजिट तोड़ देते हैं, तो आपको कम ब्याज मिलता है, साथ ही बैंक कुछ जुर्माना भी काटती है।
FD अकाउंट लोन ले सकते है
जरूरत पड़ने पर बहुत से बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट के बदले लोन की सुविधा देते हैं। एक निवेशक को फिक्स्ड डिपॉजिट की गई राशि के 90% तक का लोन मिल सकता है। लोन की समयसीमा फिक्स्ड डिपॉजिट की अवधि के बराबर या कम होती है। लोन पर ब्याज दर फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दर से 1% या 2% ज़्यादा होती है। इसका सबसे बड़ा फायदा है कि यह किसी भी वक्त फाइनेंशियल इमरजेंसी में काम आ सकती है। निवेशक को लोन मिलने के बाद भी फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज मिलता है।
फिक्स्ड डिपॉज़िट के लिए दस्तावेज़
FD अकाउंट के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है
आईडी कार्ड
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट
- पैन कार्ड
- वोटर आईडी कार्ड
- ड्राइविंग लाइसेंस
एड्रेस प्रूफ
- पासपोर्ट
- टेलीफोन का बिल
- बिजली का बिल
- चेक के साथ बैंक स्टेटमेंट
- पोस्ट ऑफिस द्वारा जारी सर्टिफिकेट/आईडी कार्ड
ऑनलाइन FD कैसे करें
अगर आप FD अकाउंट खोलना चाहते हैं, तो इसकी प्रक्रिया आसान है। इसके लिए आपको जरूरी दस्तावेजों के साथ नजदीकी बैंक से संपर्क करना होगा। बैंक से फिक्स्ड डिपॉजिट को लेकर जानकारी हासिल करें। फिक्स डिपॉजिट पर दिए जाने वाले ब्याज के बारे में भी जरूरी है।
सभी जानकारी हासिल करने के बाद, फिक्स डिपॉजिट अकाउंट का फॉर्म भरकर और फिक्स डिपॉजिट में जमा की जाने वाली धनराशि जमा करनी होगी। जिसके बाद बैंक फिक्स डिपॉजिट अकाउंट खुल जाएगा। यह प्रक्रिया ऑनलाइन भी की जा सकती है। चाहें तो इंटरनेट बैंकिंग के जरिए अपने सेविंग अकाउंट या करंट अकाउंट में जमा धनराशि को फिक्स डिपॉजिट अकाउंट में जमा कर सकते हैं।
FD की आलावे अन्य निवेश क्यों करें?
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) एक सुरक्षित निवेश विकल्प है, लेकिन कुछ समय क्यों न करें? यहां कुछ अन्य निवेश विकल्प हैं जो FD की तरह सुरक्षित और बेहतर रिटर्न प्रदान करती हैं।
1. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF): PPF एक पॉप्यूलर निवेश विकल्प है जो सरकार द्वारा प्रबंधित होता है। यह सुरक्षित होता है और टैक्स में छूट प्रदान करता है।
2. म्यूचुअल फंड्स: म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने से आप विभिन्न प्रकार के एक्सेस पोर्टफोलियो में निवेश करते हैं, जिससे आपका पैसा वित्तीय बाजार के साथ बदलता रहता है।
3. सुकन्या समृद्धि योजना: यह एक विशेष निवेश योजना है जो बच्चों के लिए होती है और उनके भविष्य के लिए बचत करने का अच्छा विकल्प हो सकता है।
आपका निवेश लक्ष्यों, वित्तीय स्थिति, और आपके वित्तीय सलाहकार की सलाह पर निर्भर करेगा। इसलिए, FD के बदले अन्य निवेश विकल्पों को विचारणीय रूप से देखें।
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