
राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) भारतीय राजनीति के एक ऐसे स्तंभ हैं, जिनका जीवन राष्ट्र सेवा, संगठन निर्माण और सुदृढ़ प्रशासनिक नेतृत्व का प्रतीक है। वर्तमान में भारत के रक्षा मंत्री के रूप में कार्यरत राजनाथ सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की विचारधारा से प्रेरित होकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के शीर्ष नेताओं में शामिल हुए। उनका राजनीतिक सफर छात्र राजनीति से शुरू होकर मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और पार्टी अध्यक्ष जैसे अनेक महत्वपूर्ण पदों तक पहुंचा है।
राजनाथ सिंह का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा | Rajnath Singh early life & education
राजनाथ सिंह का जन्म 10 जुलाई 1951 को उत्तर प्रदेश के चंदौली ज़िले के भाभोरा गांव में एक सामान्य राजपूत किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता रामबदन सिंह और माता गुजरी देवी धार्मिक और परंपरावादी विचारों वाले थे।
उन्होंने स्नातक और फिर भौतिकी में परास्नातक (M.Sc.) की पढ़ाई गोरखपुर विश्वविद्यालय से की। पढ़ाई के साथ-साथ वे आरएसएस से जुड़ गए और युवावस्था में ही राष्ट्रवादी विचारधारा को अपनाते हुए सामाजिक कार्यों में सक्रिय हो गए।
राजनाथ सिंह का राजनीतिक करियर की शुरूआत | Rajnath Singh political career started
राजनाथ सिंह का राजनीतिक जीवन 1964 में RSS के स्वयंसेवक बनने से शुरू हुआ। 1972 में वे RSS के प्रचारक बने। 1974 में उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़कर छात्र राजनीति में सक्रिय भागीदारी की। आपातकाल (1975-77) के दौरान उन्होंने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और जेल भी गए।
1977 में जनता पार्टी के टिकट पर वे पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए और राजनीति में उनके प्रवेश की यह औपचारिक शुरुआत थी।
राजनाथ सिंह का भारतीय जनता पार्टी में योगदान | Contribution of Rajnath Singh to Bharatiya Janata Party
भारतीय जनता पार्टी की स्थापना 1980 में हुई और राजनाथ सिंह इसके संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे। 1984 में वे उत्तर प्रदेश बीजेपी के युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने और 1988 में अखिल भारतीय भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए। उन्होंने संगठन निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और पार्टी की युवा शाखा को सशक्त नेतृत्व प्रदान किया।
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मंत्री पदों पर कार्यकाल | Tenure in ministerial posts
शिक्षा मंत्री (उत्तर प्रदेश, 1991-92)
कल्याण सिंह सरकार में वे उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री बने। इस दौरान उन्होंने पाठ्यक्रम में Vedic गणित और भारतीय संस्कृति को शामिल करने का प्रयास किया, जिससे वे चर्चा में आए। उन्होंने मदरसों की मान्यता को लेकर भी कई बदलाव प्रस्तावित किए।
केंद्र में पहली बार मंत्री (1999-2000)
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 1999 में वे भूतल परिवहन मंत्री बनाए गए। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजनाओं पर काम किया और सड़कों के आधुनिकीकरण पर जोर दिया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (2000-2002)
2000 में राजनाथ सिंह को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया। यह वह समय था जब भाजपा राज्य में चुनौतियों का सामना कर रही थी। उन्होंने शासन व्यवस्था में सुधार, कानून-व्यवस्था की सख्ती और सांस्कृतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना पर बल दिया। यद्यपि 2002 के चुनाव में पार्टी को हार मिली, लेकिन उनका प्रशासनिक अनुभव उन्हें आगे के राष्ट्रीय स्तर के पदों के लिए तैयार कर चुका था।
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भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष (2005–2009, 2013–2014)
राजनाथ सिंह 2005 में पहली बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। उन्होंने संगठन को एकजुट रखने और जमीनी कार्यकर्ताओं से संपर्क मजबूत करने का प्रयास किया।
2013 में वे दूसरी बार राष्ट्रीय अध्यक्ष बने और उस समय पार्टी को एक मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता थी। उन्होंने नरेंद्र मोदी को 2014 लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया – यह पार्टी के लिए ऐतिहासिक मोड़ था।
केंद्रीय गृहमंत्री (2014–2019)
2014 में एनडीए की भारी बहुमत से जीत के बाद राजनाथ सिंह को गृह मंत्रालय सौंपा गया। उन्होंने आतंकवाद, नक्सलवाद और सीमा सुरक्षा जैसे मामलों में कठोर और प्रभावी नीतियां अपनाईं।
उनके कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने की तैयारी और आतंरिक सुरक्षा में सुधार की नींव रखी गई। उन्होंने BSF और CRPF जैसी एजेंसियों के आधुनिकीकरण पर भी विशेष बल दिया।
वर्तमान में रक्षा मंत्री (2019–वर्तमान)
2019 में दूसरी बार मोदी सरकार बनने पर उन्हें रक्षा मंत्री नियुक्त किया गया। उन्होंने भारत की सैन्य क्षमताओं को सशक्त बनाने की दिशा में अनेक ठोस कदम उठाए:
- Atmanirbhar Bharat Abhiyan के तहत रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा।
- 2020 में Galwan घाटी संघर्ष के बाद चीन के प्रति सख्त रुख।
- Agnipath योजना की शुरुआत – सेना में युवाओं की अल्पकालिक भर्ती के लिए यह एक ऐतिहासिक पहल रही, जिसे लेकर व्यापक चर्चा हुई।
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राजनाथ सिंह का वैचारिक दृष्टिकोण और व्यक्तित्व | Rajnath Singh Ideological outlook and personality
राजनाथ सिंह की राजनीति विचारधारा पर आधारित रही है। वे स्वदेशी, संस्कृति और राष्ट्रवाद को केंद्र में रखकर नीतियां बनाते हैं। व्यक्तिगत जीवन में वे सादगी पसंद, धार्मिक और अनुशासित माने जाते हैं। उनके भाषणों में संयम और गंभीरता रहती है, और वे अक्सर भारतीय परंपरा एवं मूल्यों का उल्लेख करते हैं।
राजनाथ सिंह का सम्मान और विवाद | Rajnath Singh award & controversy
राजनाथ सिंह को सार्वजनिक जीवन में कई बार प्रशंसा मिली है, विशेषकर उनके प्रशासनिक निर्णयों और संगठन कौशल के लिए। हालांकि, वे अक्सर विवादों से दूर ही रहते हैं, लेकिन Agnipath योजना को लेकर युवाओं के विरोध ने कुछ समय तक उन्हें केंद्र में रखा।
राजनाथ सिंह का निजी जीवन | Rajnath Singh private life
राजनाथ सिंह की पत्नी का नाम Savitri Singh है और उनके तीन बच्चे हैं, जिनमें से पुत्र पंकज सिंह उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय हैं और विधायक हैं। उनका पारिवारिक जीवन बेहद शांत और मर्यादित माना जाता है।
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निष्कर्ष
राजनाथ सिंह का जीवन एक दृढ़ राष्ट्रवादी, कुशल प्रशासक और योग्य संगठनकर्ता की मिसाल है। भारतीय राजनीति में उन्होंने हर स्तर पर अपनी ईमानदारी, सादगी और संगठनात्मक क्षमता से विशेष स्थान बनाया है। वर्तमान में एक मजबूत रक्षा मंत्री के रूप में वे भारत को सैन्य दृष्टि से आत्मनिर्भर और सुरक्षित बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।
FAQs
Q1. राजनाथ सिंह का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर: 10 जुलाई 1951 को चंदौली ज़िले के भाभोरा गांव हुआ था।
Q2. वे कितनी बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं?
उत्तर: दो बार – 2005–2009 और 2013–2014।
Q3. उन्होंने रक्षा मंत्री के रूप में कौन-सी प्रमुख योजना शुरू की?
उत्तर: अग्निपथ योजना।
Q4. क्या राजनाथ सिंह के बेटे राजनीति में हैं?
उत्तर: हाँ, पंकज सिंह उत्तर प्रदेश के विधायक हैं।
Q5. क्या राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री रह चुके हैं?
उत्तर: हाँ, वे 2000 से 2002 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।